अजीबो गरीब यह मामला बिहार के मधेपुरा का है जहाँ एक शिक्षक की हुई मौत के बाद उन्हें शो-कॉज जारी कर पूछा गया है कि आखिर वो चुनाव ड्यूटी पर क्यों नहीं आए. मिली जानकारी के मुताबिक उदाकिशुनगंज प्रखंड अंतर्गत मजौरा मध्य विद्यालय में सहायक शिक्षक सुमन कुमार सिंह की बीते सात नवंबर को ह्रदय गति रुकने से मौत हो गयी. सुमन कुमार सिंह के निधन से उनका परिवार गहरे सदमे में है. लेकिन पंचायत निर्वाचन कार्मिक कोषांग से चुनाव ड्यूटी में अनुपस्थित रहने के लिए मृत शिक्षक को शो-कॉज जारी किया गया है.
नोडल पदाधिकारी कार्मिक कोषांग के द्वारा जारी पत्र में सुमन कुमार सिंह से पूछा गया है कि 15 नवंबर को बिहारीगंज में पंचायत चुनाव हुआ उसके लिए उन्होंने 13 और 14 नवंबर को अपना योगदान क्यों नहीं दिया? जबकि विद्यालय के प्रधान शिक्षक अनिल राम ने उनकी मौत की सूचना आठ नवंबर को ही विभाग के अधिकारियों समेत अन्य सभी को दे दी थी. लेकिन इसके बावजूद उन्हें यह शो-कॉज जारी कर पूछा गया है.
लंबे समय से हृदय की बीमारी से जूझ रहे थे शिक्षक सुमन
38 वर्षीय सुमन कुमार सिंह की वर्ष 2005 में बहाली हुई थी. वो अपने विद्यालय में छात्रों को विज्ञान का विषय पढ़ाते थे. स्कूल के बच्चे और उनके सहयोगी शिक्षक उनके असमय निधन से दुखी हैं. सुमन के भाई राजा कुमार सिंह ने बताया कि सुमन पिछले दो-तीन वर्षों से बीमार चल रहे थे. उन्हें हृदय की बीमारी थी जिसका पटना में इलाज चल रहा था. 10 दिन पहले उनकी दवाई खत्म हो गयी थी. समय पर वेतन नहीं मिलने से परिवार उनका सही ढंग से इलाज नहीं करवा पा रहा था. उन्हें करीब तीन महीने से वेतन नहीं मिला था. दीपावली से पहले एक माह का वेतन आया था, लेकिन वो बैंक लोन में कट गया. सुमन ने घर बनाने के लिए 5,00,000 रुपये का पर्सनल लोन ले रखा था. मृत्यु के समय उनके बैंक अकाउंट में मात्र 320 रुपये थे.