, हिमाचल में आरक्षण-स्वर्ण आयोग को लेकर सरकार और संगठन में तनातनी शुरू है,हिमाचल प्रदेश में स्वर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर स्वर्ण समाज के लोगों द्वारा शिमला से हरिद्वार तक आरक्षण की शव यात्रा निकाली गई. पुलिस की घेराबंदी के बीच स्वर्ण आयोग की मांग को लेकर पैदल शव यात्रा सिरमौर जिले के नाहन शहर के बीच से निकली. पुलिस ने यशवंत विहार से दोसड़का तक सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की हुई थी, ताकि टकराव की मामूली सी भी गुंजाइश न रहे. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस (Police) का खुफिया तंत्र भी हाई अलर्ट पर था.
मीडिया से क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर ने बताया कि आरक्षण की शव यात्रा शिमला से शुरू हुई है, जो कि हरिद्वार की हर की पौड़ी पर संपन्न होगी. उन्होंने बताया कि हर की पौड़ी में शव यात्रा का हिंदू-रीति रिवाज के मुताबिक मुंडन करने के पश्चात दाह संस्कार किया जाएगा. अंतिम संस्कार संस्कार करने के पश्चात स्वर्ण समाज से जुड़े करीब एक लाख युवा पदयात्रा करते हुए 10 दिसंबर को धर्मशाला पहुंचेंगे. जहां स्वर्ण समाज से जुड़े नेताओं का शुद्धिकरण किया जाएगा. स्वर्ण समाज के कहना है कि कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह के अलावा किसी ने भी उनका समर्थन नहीं किया.
जाति विशेष का विरोध नहीं
रुमित ठाकुर का कहना है कि वह किसी जाति विशेष का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि उनके समाज का एक बड़ा हिस्सा इस देश में रहता है, जिन्हें समानता का अधिकार मिलना चाहिए. जिसके लिए वह स्वर्ण आयोग गठन की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी एक्ट का कुछ लोगों द्वारा दुरुपयोग किया जाता है, जिसका खामियाजा स्वर्ण समाज के लोगों को भुगतना पड़ता है.
दो समुदाय आमने सामने
शिमला से शुरू हुई इस शव यात्रा को लेकर काफी बवाल भी हुआ था. शिमला में दलित समाज ने यात्रा निकालने का विरोध किया था और कहा था कि स्वर्ण समाज के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए. दलित समाज के लोगों ने शिमला में डीसी के दफ्तर पर भी दस्तक दी थी.