बिलासपुर. छत्तीसगढ़ से मानव तस्करी का बड़ा मामला सामने अया है. राज्य की 2 लड़कियों का सौदान राजस्थान के अजमेर में किया गया था. 20-20 हजार रुपये में लड़कियों का सौदा हुआ था. हालांकि समय रहते मानव तस्करों को पकड़ लिया गया. साथ ही उनके कब्जे से लड़कियों को भी बरामद कर लिया गया. लड़कियों को बहला-फुसला कर ट्रेन से छत्तीसगढ़ से राजस्थान ले जाया जा रहा था. रास्ते में ही उन्हें पकड़ लिया गया.
बिलासपुर आरपीएफ के मुताबिक संभाग के सभी पदों पर मानव तस्करी विरोधी कार्य दल गठित किए गए हैं. बीते 28 जून को जब आरपीएफ अनूपपुर टास्क टीम ट्रेन नंबर 18207 (दुर्ग अजमेर एक्सप्रेस) पर गश्त कर रही थी. तब टीम के सदस्य कांस्टेबल मनोज सिंह और सीएस कौशिक को 2 पुरुषों के साथ 2 महिलाएं घबराई हुई मिलीं. स्थिति पर संदेह होने पर टीम के सदस्यों ने प्रारंभिक जांच के बाद चारों यात्रियों को अनूपपुर स्टेशन पर उतार दिया गया.
पूछताछ में हुआ खुलासा
आईपीएफ अनूपपुर एमएल यादव ने एएसआई मुन्नी बाई और महिला कांस्टेबल अर्चना बैस की उपस्थिति में दोनों महिलाओं की काउंसलिंग की. इसपर उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं पता कि वे कहां जा रही हैं और उनकी सहमति के बिना 2 पुरुषों द्वारा ले जाया जा रहा है.साथ ही, उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता को उनकी यात्रा के बारे में जानकारी नहीं थी और वे रायगढ़ और जशपुर जिलों में अपने-अपने घरों में वापस जाना चाहती थीं.
इसके बाद आरोपियों से पूछताछ की गई. उन्होंने आरपीएफ को बताया कि वे जयपुर, राजस्थान में महिलाओं को 20,000 रुपये में बेचने ले जा रहे थे. वहां किसी से इनका सौदा भी हो गया था. तत्काल, आईपीएफ अनूपपुर ने सीनियर डीएससी बिलासपुर ऋषि शुक्ला से संपर्क किया, जिन्होंने मामले के संबंध में एसआरपी जबलपुर और रायगढ़ पुलिस से संपर्क किया. एसपी रायगढ़ ने आईपीसी की धारा 363 के तहत आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया और एलपीएस धर्मजयगढ़ से एक पुलिस टीम भेजी. पुलिस ने आरोपी जशपुर निवासी हीरालाल चौहान व रायगढ़ निवासी देवलाल तिग्गा को गिरफ्तार कर लिया है.