किसानो के दर्द को समझते हुए भाजपा के फायरब्रांड नेता और सांसद वरुण गाँधी ने अपने ही सरकार को फिर से आईना दिखाया है, इस बार उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि किसानों की पीड़ा को समझने के लिए बोलने से ज्यादा उनकी बात सुनना जरूरी है। वरुण गांधी ने फसलों की बढ़ती लागत और किसानों को उनकी फसल का एमएसपी न मिलने समेत देश में बढ़ रही कमरतोड़ महंगाई जैसे मुद्दों पर खुलकर केंद्र सरकार को घेरा। यही नहीं वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह किसानों के साथ हो रहे अत्याचार पर सीधे कोर्ट के माध्यम से अधिकारियों को जेल भिजवाएंगे। वरुण ने साफ तौर पर कहा वह सरकार के सामने ऐसे मामलों में गिड़गिड़ाने वाले नहीं हैं।
खुद करेंगे कानूनी कार्रवाई
लखीमपुर खीरी और पीलीभीत में सोमवार को धान क्रय केंद्र पर किसानों के साथ हो रही ज्यादती पर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने तीन बिंदुओं में भ्रष्टाचार के चक्र को न सिर्फ समझाया बल्कि अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि सबूतों के आधार पर वह कोर्ट जाएंगे। और फिर अधिकारियों को जेल भिजवाएंगे। वरुण गांधी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह सरकार के सामने किसानों के साथ हो रहे इस अत्याचार पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए गिड़गिड़ाने नहीं जा रहे। बल्कि खुद कानूनी कार्रवाई करके उन्हें जेल भिजवाने की व्यवस्था कर रहे हैं।
बीते कुछ समय से भाजपा सांसद वरुण गांधी लगातार केंद्र सरकार पर अलग-अलग मुद्दों को लेकर हमलावर हैं। सिर्फ किसानों के मुद्दों के लिए ही नहीं बल्कि लखीमपुर खीरी में हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गाड़ी से कुचल कर मारे गए किसानों के मामले में भी उन्होंने खुलकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का विरोध किया था। दरअसल वरुण गांधी की आक्रामकता को लेकर राजनीतिक खेमों में अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ चर्चाएं वरुण गांधी की कांग्रेस में शामिल होने की हैं तो कुछ चर्चाएं वरुण गांधी की कुछ अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की है।
हालांकि वरुण गांधी की ओर से अभी तक इन तमाम चर्चाओं पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि जिस तरीके से वरुण गांधी अपनी लोकसभा सीट के किसानों और आसपास के जिलों के किसानों की समस्याओं को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं वह कोई और सत्ता पक्ष का नेता नहीं कर रहा है। जबकि वरुण गांधी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा न तो किसानों का धान खरीदा जा रहा है और न ही गन्ने का वाजिब मूल्य मिल रहा है। गन्ने का मूल्य बढ़ाए जाने पर वरुण गांधी ने योगी आदित्यनाथ को बधाई तो दी थी, लेकिन साथ ही साथ इस बात की मांग भी कर डाली थी कि बोनस के तौर पर पचास रुपये और बढ़ाकर गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति कुंतल कर दिया जाए।
बताया कैसे होता है मंडी में भ्रष्टाचार
सोमवार को वरुण गांधी लखीमपुर खीरी के एक धान क्रय केंद्र में पहुंच कर मंडी समिति के अधिकारियों को ही एक्सपोज कर दिया। वरुण गांधी ने बताया कि किसानों को परेशान करने के लिए क्रय केंद्र पर मौजूद कर्मचारी धान में नमी की बात कह कर किसानों का धान नहीं खरीदता है। अगर धान में नमी नहीं है तो क्रय केंद्र का अधिकारी धान में कालेपन की बात कहकर उस किसान को वहां से टरकाता है। अगर धान में कालापन भी नहीं है तो क्रय केंद्र का अधिकारी किसान को यह कहकर वापस कर देता है कि धान टूटा है। कुल मिलाकर मंडी समिति के अधिकारियों और धान क्रय केंद्र के कर्मचारियों की मिलीभगत से गरीब किसान को इतना लाचार कर दिया जाता है कि धान क्रय केंद्र के बाहर खड़े बिचौलिए और राइस मिल के दलाल के हाथों किसान अपने खून पसीने की फसल को हज़ार से ग्यारह सौ रुपये क्विंटल में धान बेच देता है।
बाद में फिर वहीं धान राइस मिल और दलालों के माध्यम से क्रय केंद्र के कर्मचारी और मंडी समिति के अधिकारियों की सेटिंग से सरकारी रेट में वापस क्रय केंद्र में बेच दिया जाता है। वरुण गांधी ने कहा की सरकारी कर्मचारी और महकमा बंदरबांट करके किसानों को बर्बाद कर रहे हैं। वरुण गांधी ने किसानों के साथ धान खरीद में हो रहे इस भ्रष्टाचार को सार्वजनिक तौर पर न सिर्फ साझा किया बल्कि मंडी समिति के अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि अगर किसानों का धान खरीदने में आनाकानी की तो सबूत के साथ कोर्ट में ले जाकर सीधे जेल भेजा जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार पर भरोसा नहीं जताते हुए वरुण गांधी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह अब सरकार के सामने गिड़गिड़ाने नहीं जाएंगे।
वरुण गांधी के सख्त लहजे और रवैये पर पीलीभीत के पूर्व जिला पंचायत सदस्य केबी मिश्रा कहते हैं, वरुण गांधी और मेनका गांधी के साथ केंद्र सरकार ने उनके कद के मुताबिक सौतेला व्यवहार किया है। वे कहते हैं अगर वरुण गांधी भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कोई दूसरी पार्टी भी ज्वाइन करते हैं तो उनके साथ उनके इलाके का प्रत्येक नागरिक जुड़ा हुआ है। हालांकि पूर्व जिला पंचायत सदस्य मिश्रा कहते हैं कि वरुण गांधी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शायद ही जाएं। उनका कहना है कि किसानों की आवाज को बुलंद करना यह बिल्कुल नहीं दर्शाता है कि वह भारतीय जनता पार्टी छोड़कर जाने वाले हैं। पार्टी में रह कर के भी आप अपने लोगों की समस्याओं को सामने रख सकते हैं। मिश्रा के मुताबिक वरुण गांधी वही कर रहे हैं।