हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने सनसनी खेज आरोप लगते हुए कहा की बिहार में पंचायत चुनाव में फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर लोग चुनाव लड़ रहे हैं. वो लोग एससी कोटा से आरक्षण का फ़ायदा उठा रहे हैं. मांझी ने दिल्ली में कहा कि इसके लिए अलग से कमीशन बना कर जांच कराई जाये. मांझी ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल पर भी फर्ज़ी सर्टिफ़िकेट के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया जो सहयोगी बीजेपी को असहज करने वाला है.
जीता राम मांझी ने पांच सांसदों का नाम लेकर कहा कि फर्जी सर्टिफिकेट बना कर ये आरक्षण का लाभ ले रहे हैं. ये पांच सांसद हैं, मोहम्मद सादिक अली (फरीदकोट पंजाब से कांग्रेस सांसद), आफरीन अली TMC की सांसद, आरामबाग से) अमरावती महाराष्ट्र से सांसद नवनीत कौर राणा, आगरा से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य स्वामी (सोलापुर महाराष्ट्र से बीजेपी सांसद). जीतन राम मांझी ने कहा इसके लिए अलग से कमीशन बनाकर इन लोगों की जांच कराई जाए.
मांझी ने आरोप लगाया कि 15 से 20 परसेंट लोग ऐसे हैं जो फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ लेकर नौकरी भी कर रहे हैं. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा कि हमलोग चाहे कितने भी कार्य कुशल क्यों ना हो उसे आरक्षित कोटे का कहा जाता है. आरक्षित कोटे को लोग दोयम दर्जे का मानते हैं, इसी कलंक को दूर करने के लिए बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था कि 10 वर्ष तक आरक्षण दीजिए फिर उसे एक्सटेंड कीजिए लेकिन आज कई बार एक्सटेंशन हो चुका है, आखिर कितना बार एक्सटेंशन करेंगे ?
मांझी ने कहा कि आज के समय कॉमन स्कूलिंग सिस्टम की जरूरत है. अगर ऐसा होता है तो राष्ट्रपति का बेटा हो या भंगी का संतान सबको शिक्षा एक समान होगी एक तरह का खानपान होगा एक तरह का ड्रेस होगा एक तरह की शिक्षा होगी, इसलिए कोई ऊंच-नीच नहीं कहलाएगा. ऐसी परिस्थिति में फिर आरक्षण की कोई जरूरत नहीं होगी लेकिन यह लागू होने के पहले आरक्षण हटाने की बात हुई तो गलत होगा कॉमन स्कूलिंग सिस्टम हो जाए और उसके 10 साल बाद आरक्षण को हटाया जा सकता है हम इसके पक्ष में हैं
जीतन राम मांझी ने खुद वाल्मीकि मंदिर जाकर उनकी पूजा की. वाल्मीकि जयंती के मौके पर पूजा करने के बाद उन्होंने कहा कि वाल्मीकि जी ने काव्य बनाया काव्य काल्पनिक होता है ,उन्होंने कल्पना के आधार पर देश के सामने अपनी बात रखी है राम से हजार गुना बड़े हमारे वाल्मीकि जी हैं, जिनकी पूजा हम लोग करते हैं. मांझी ने भगवान राम और रामायण के पात्र को काल्पनिक बताया. तेजस्वी यादव की तरफ से विधानसभा के शताब्दी समारोह में शामिल नहीं होने पर जीतन राम मांझी ने बड़ा हमला बोला. मांझी ने कहा कि अगर किसी को संविधान और संवैधानिक परंपरा में विश्वास ना हो तो इसी प्रकार की बात करते हैं. महामहिम किसी पार्टी के नहीं हैं. हो सकता है तेजस्वी जी को लगे कि यह शेड्यूल कास्ट के लोग हैं इसलिए ना जाएं.