उत्तरप्रदेश के क्राइम कंट्रोल के फार्मूले को मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार लाने जा रही है, ऑर्गेनाइज क्राइम पर कंट्रोल करने के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार जल्द ही उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र की तर्ज पर गैंगस्टर कानून लेकर आने वाली है. इसको लेकर गृह और विधि विभाग ड्राफ्ट तैयार कर रहा है. सूबे के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत करते हुए गैंगस्टर कानून को जल्द लागू करने के संकेत दिए हैं. पुलिस के नवनिर्मित आवासों के लोकार्पण के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए गैंगस्टर एक्ट को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में संगठित गिरोह को खत्म करने का काम सरकार ने किया है.
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प्रदेश में कोई भी संगठित गिरोह नहीं है, लेकिन फिर भी पुलिस की नजर ऐसे गिरोह पर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि कानून की जरूरत अपराधियों पर नकेल कसने के लिए है. इसलिए सरकार उस दिशा में लगातार काम भी कर रही है. मध्य प्रदेश शांति का टापू है और किसी भी अपराधी को यहां पनपने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अवैध शराब को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सजा में फांसी का प्रावधान भी किया गया है. ऐसे में सभी पहलुओं पर सरकार लगातार काम कर रही है
यूपी, महाराष्ट्र की तर्ज पर ड्राफ्ट
यह कानून यूपी के गुंडा नियंत्रण अधिनियम 2021 की तरह होगा. इसमें कुछ प्रावधान महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट के भी शामिल किए जा सकते हैं. इसका ड्राफ्ट गृह और विधि विभाग तैयार कर रहा है. प्रदेश में अवैध, मिलावटी शराब, मानव तस्करी, नकली दवा, मनी लॉन्ड्रिंग, गोहत्या, बंधुआ मजदूरी जाली नोट, अवैध हथियारों का निर्माण-व्यापार और अवैध खनन जैसे संगठित अपराधों पर सख्ती के साथ कंट्रोल के लिए सरकार गैंगस्टर एक्ट लाएगी.
विधानसभा में हो सकता है पेश
विधानसभा के शीतकालीन सत्र नंवबर-दिसंबर में ये मसौदा पेश किया जा सकता है. विधानसभा से विधेयक पारित होने के बाद अनुमति के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. सरकार 9 से 12 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान आबकारी अधिनियम संशोधन विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है. इसमें मिलावटी शराब के सेवन से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर आरोपी को मौत की सजा का प्रावधान है. कैबिनेट से इसे मंजूरी मिल चुकी है.
ऐसा होगा एमपी में एक्ट
इसमें सबसे ज्यादा पुलिस को ज्यादा अधिकार मिलेंगे. पूछताछ के लिए रिमांड अवधि 50 दिन तक हो सकती है. अभी रिमांड 14 दिन की मिलती है. -आरोपी की संपत्ति जब्त करना भी आसान होगा. जमानत का प्रावधान भी आसान नहीं होगा. इस अधिनियम के दायरे में एक से अधिक व्यक्ति वाले सभी गंभीर अपराधों को शामिल किया जाएगा