निजीकरण के दौर में आमदा सरकार अब सरकारी बिमा कंपनियों को भी निजी करने की तैयारी कर रही है,इसके लिए केंद्र साधारण बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) कानून (GIBNA) में संशोधनों पर काम कर रही है. इस बारे में एक विधेयक (Amendment Bill) संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) में पेश किया जा सकता है.
कानून के तहत किया जा सकता है शेयरों का अधिग्रहण-स्थानांतरण
संसद का मानसून 19 जुलाई से शुरू होने की उम्मीद की जा रही है. बता दें कि साधारण बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) कानून 1972 में अस्तित्व में आया था. इसके तहत भारतीय बीमा कंपनियों और अन्य मौजूदा बीमा कंपनियों के उपक्रमों के शेयरों का अधिग्रहण व स्थानांतरण (Share Transfer) किया जा सकता है, जिससे साधारण बीमा कारोबार के विकास के जरिये देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की जरूरत को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके. जीआईबीएनए में संशोधनों पर काम चल रहा है. साधारण बीमा कंपनियों के निजीकरण में मदद के लिए इन्हें संसद के आगामी मानसून सत्र में रखा जा सकता है
केंद्र सरकार ने रखा है 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश किए आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण की घोषणा की थी. वित्तीय क्षेत्र के निए विनिवेश रणनीति के तहत सरकार ने जीवन बीमा निगम का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (LIC IPO) लाने और आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में अपनी शेष हिस्सेदारी की बिक्री का फैसला किया है. सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.