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आज होंगे हैदराबाद नगर निगम चुनाव के लिए मतदान ,क्या ओवैसी के गढ़ में बीजेपी में लगा पाएगी सेंध?

हैदराबाद नगर निकाय चुनाव के लिए आज मतदान होना है यह चुनाव अब खास हो चुका है कारण यही है कि पहली बार हैदराबाद नगर निकाय चुनाव में संसदीय सदस्यों के इंट्री ने इस चुनाव में को बेहद खास बनाया है जहां लगातार जुबानी जंग तमाम बड़े नेताओं के साथ हो रही थी !कोई शक नहीं कि यह चुनाव चुनाव बहुत रोचक होने वाला है! 1500 वार्ड दो के लिए यह चुनाव भाजपा को अपने अस्तित्व में लाने के लिए एक बहुत बड़ी परीक्षा भी होगी सुबह 7:00 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है शाम 6:00 बजे तक यह प्रक्रिया चलेगी सबसे खास इस चुनाव में केंद्रीय स्तर तक के नेताओं की इंट्री ने यह नगर निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव की तरह उग्र बना दिया था! देखने से नहीं कहा जा सकता था कि यह चुनाव नगर निकाय चुनाव है वार्ड के चुनाव में गृहमंत्री का रोड शो होना साफ बताता है कि भाजपा हर चुनाव को लेकर कितनी गंभीर है बिहार में तुरंत ही अगले साल मुखिया प्रतिनिधियों का चुनाव होने वाला है !अभी तक पार्टी विशेष ना होने की वजह से भाजपा के दिग्गज मुखिया चुनाव में अपने हाथ नहीं आजमा रहे हैं अगर यह पार्टी विशेष होता तो कोई शक नहीं की मुखिया चुनाव में भी अमित शाह जेपी नड्डा योगी और मोदी सरीके नेता मुखिया प्रतिनिधियों का प्रचार करते नजर आएंगे इतने छोटे चुनाव को भी इतनी गंभीरता से भाजपा का लेना यह दर्शाता है की जमीन पर कितना मजबूत होना चाहती है भाजपा हैदराबाद चुनाव में देखें तो जिस प्रकार ओवैसी के गढ़ में भाजपा के बड़े नेताओं ने इंट्री लिया उसे देखकर कहा जा सकता था की हैदराबाद नगर निकाय चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बीजेपी कितनी उत्साहित है!आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वृहत हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के 150 वार्डों के चुनाव के लिए 74,44,260 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. मतदान सुबह सात बजे शुरू होगा और शाम छह बजे तक चलेगा. इस चुनाव में 150 सीटों पर 1,122 प्रत्याशी मैदान में हैं. मतों की गिनती चार दिसंबर को होगी. तेलंगाना राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने चुनाव प्रक्रिया के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की है, जिसमें 48,000 चुनाव कर्मियों और 52,500 पुलिस कर्मियों की तैनाती शामिल है. आयोग ने बताया था कि प्रमुख राजनीतिक पार्टियों, कोविड-19 के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की राय और अन्य प्रासंगिक मुद्दों पर गौर करने के बाद उसने मतपत्र से चुनाव कराने का फैसला किया है. राज्य निर्वाचन आयुक्त सी पार्थसार्थी ने लोगों से अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अपील की है.

इस चुनाव के लिए बड़े पैमाने पर चुनाव प्रचार किया गया. राज्य विधानसभा की दुबक सीट पर हाल में हुए उपचुनाव में जीत के बाद भाजपा ने जीएचएमसी चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक दी है!

भाजपा की चुनाव प्रचार की रणनीति पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव ने बनाई, जो बिहार विधानसभा चुनाव के भी पार्टी प्रभारी थे. भाजपा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी और गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी, जो सिकंदराबाद से सांसद हैं, भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने प्रचार किया.

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भजापा ने प्रचार के दौरान राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस और एआईएमआईएम के कथित गठबंधन को रेखांकित किया और मतदाताओं से पारदर्शी शासन के लिए उसके पक्ष में मत देने की अपील की.

TRS में केटी रामाराव ने संभाली कमान
टीआरएस की ओर से प्रचार की कमान नगर प्रशासन मंत्री केटी रामाराव ने संभाली जबकि राज्य के मुख्यमंत्री एवं पार्टी सुप्रीमो के. चंद्रशेखर राव ने भी जनसभाओं को संबोधित किया. टीआरएस ने राज्य के कई मंत्रियों और विधायकों को भी मैदान में उतारा.

कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी और कार्यकारी अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रचार किया.

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एक समय राज्य की राजनीति में शक्तिशाली रही तेलुगु देशम पार्टी भी एक बार फिर खोई जमीन वापस लेने की कोशिश के तहत मैदान में उतरी है और अविभाजित आंध्रप्रदेश में एन चंद्रबाबू नायडू के मुख्यमंत्री रहते शहर के विकास के लिए किए गए कार्यो का हवाला दिया.

भाजपा के तेलंगाना अध्यक्ष उस वक्त विवाद में फंस गए जब उन्होंने कहा कि मेयर का पद जीतने के बाद उनकी पार्टी पुराने शहर पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करेगी और रोहिंग्याओं और पाकिस्तानियों को भगाएगी.

एमआईएमआईएम के अकबरुद्दीन ओवैसी ने प्रचार के दौरान यह कहकर विरोधियों के निशाने पर आ गए कि अगर उनकी पार्टी जीती तो हुसैन सागर झील के किनारे बनी पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव और तेलुगु देशम पार्टी संस्थापक एनटी रामाराव की समाधियों को हटा दिया जाएगा क्योंकि झील किनारे बसे गरीबों को हटाया जा रहा है. !देखना यह दिलचस्प होगा कि किस में कितना जोर है और मतदाता किसे अपनी पसंद मानते हैं क्या भाजपा के पाकिस्तान हिंदुत्व के मुद्दे को वहां की जनता सर आंखों पर लगी या टीआरएस तेलुगू देशम और ओवैसी का प्रभाव बना रहेगा कोई शक नहीं है कि ओवैसी अपने प्रभाव में वहां पीछे रहेंगे सत्तारूढ़ पार्टी का भी प्रभाव वैसे ही बने रहने की संभावना है लेकिन भाजपा इन सब का खेल बिगाड़ थोड़ा सा प्रभावित जरूर कर सकती
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