लोजपा की बगावती आग चाचा भतीजे के साथ पूरी पार्टी को परेशान कर चुकी है नेता कन्फ्यूज है की हमारा नेता कौन है लेकिन उस भी बड़ी बात है की चाचा भतीजा कब किसके सुर में सुर मिला दे ये कहना संभव नहीं है ,आरोपों को देखे तो जदयू ने लोजपा खंडित तो कर दी , पर टूटने के बाद टूटे हुए नेताओ को अपने पाले में लाने के लिए हर पार्टी परेशान है , मोह के पाशे कभी कांग्रेस फेंकती है तो कभी राजद ,पर कही के नहीं रह गए चाचा भतीजा की पार्टी लोजपा के चिराग आजकल तेजस्वी के सुर में सुर मिला रहे है जैसे लगता है की राजद की दी हुई आपसी सम्बन्ध की दूहाई कामयाब हो गई, आज ही चिराग पासवान ने कहा कि मेरे पिता और लालू जी हमेशा करीबी दोस्त रहे हैं. राजद नेता तेजस्वी यादव और मैं बचपन से एक-दूसरे को जानते हैं, हमारी गहरी दोस्ती है. वह मेरा छोटा भाई है. जब बिहार में चुनाव का समय आएगा तब पार्टी गठबंधन पर अंतिम फैसला लेगी.
आपको बता दें कि आरजेडी फिर से एलजेपी के युवा नेता को साथ लाने की कवायद में जुट गई है. अब चिराग पासवान को खुश करने के लिए एक तेजस्वी यादव ने घोषणा की कि उनकी पार्टी 5 जुलाई को चिराग पासवान के दिवंगत पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती मनाएगी. सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी यह कवायद चिराग को अपने खेमे में लाने की एक और कोशिश है. हालांकि इस दिन राष्ट्रीय जनता दल का 25वां स्थान दिवस भी है. बता दें कि पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी ने आरजेडी से नाता तोड़कर एनडीए के खिलाफ अकेले मैदान में उतरी थी और उसे करीब छह फीसदी (26 लाख) वोट मिले थे. इस वजह से तेजस्वी यादव चाहते हैं कि अगर चिराग उनकी तरफ आ जाते हैं, तो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा मिल सकता है.
वैसे एलजेपी में टूट के साथ ही तेजस्वी यादव ने चिराग को अपने साथ आने का ऑफर दे दिया था. वहीं, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा था कि चिराग पासवान बिहार के बड़े नेता हैं और हर कोई चाहता है कि वो हमारे साथ रहें. जेडीयू और भाजपा ने तो उनके साथ धोखा किया है.