आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव को देखते हुए तमाम राजनितिक दलों ने रंग बदलना शुरू कर दिया ,अयोध्या रामजन्म भूमि के घोटाले से उपजा विवाद अभी शांत नहीं हुआ की जोड़तोड़ वाली राजनीति से उत्तरप्रदेश में बनी योगी के सरकार के पत्तो ने योगी को ही आँख दिखानी शुरू कर दी ,अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के ही सहयोगियों ने भाजपा को तीखे तेवर दिखाते हुए बड़ी हिस्सेदारी की डिमांड कर दी अब इस बात से तो राजनितिक उबाल आना वाजिब है दरसअल उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सहयोगी निषाद पार्टी प्रदेश सरकार में अपनी भूमिका मांग रही है तो दूसरी और बीजेपी की दूसरी सहयोगी अपना दल (एस) भी अब राज्य और केंद्र सरकार में अपनी भागीदारी बढ़ाने की मांग कर रही है. इसके अलावा पिछले विधानसभा चुनाव से ज़्यादा सीट की मांग भी कर रही है.
अपना दल एस के नेता और योगी सरकार में मंत्री जय कुमार जैकी दिल्ली दौरे पर हैं. यहां इन्होंने अपनी नेता अनुप्रिया पटेल से मुलाक़ात की. मुलाक़ात के बाद उन्होंने कहा कि संगठन और विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर चर्चा की गई. जय कुमार ने कहा कि पंचायत चुनावों में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अपना दल को 4 सीटे देने की मांग की है. इसके साथ साथ उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि अपना दल को उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार में अधिक भागीदारी मिलनी चाहिए. जैकी ने अनुप्रिया पटेल को केंद्र में मंत्री बनाने की मांग भी कर दी.
सूत्रों के मुताबिक, अपना दल की तरफ से जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए मिर्जापुर, जौनपुर, प्रतापगढ़ और बस्ती 4 सीटो की मांग की गई है अभी बीजेपी की तरफ से 2 सीटे देने की बात कही गई है. हालांकि कौन कौन सी 2 सीटों होंगी उनका फाइनल अनुप्रिया पटेल को करना है. इसके साथ साथ विधानसभा चुनावों में भी पिछले से ज़्यादा सीट देने की मांग की गई है. पिछले चुनावों में अपना दल विधानसभा में 11 सीट पर चुनाव लड़ी थी जिनमें से 9 सीटें जीत कर आई थी.
एक तरफ निषाद पार्टी की बढ़ती मांग और अब अपना दल की तरफ से केंद्र और राज्य सरकारों में भागीदारी बढ़ाने की मांग को बीजेपी कैसे संभाल पाएगी वो तो आने वाले समय मे स्तिथि स्पष्ट होगी लेकिन विधानसभा चुनावों से पहले जब सभी दल छोटी छोटी पार्टियों को साधने में लगे हैं. ऐसे में बीजेपी को अपने सहयोगियों को साधने में कड़ी मशक्क़त करनी पड़ सकती है.