बिहार की राजनीती में लोजपा के टूटने का की सरगर्मी अभी ठंडी नहीं हुई की कांग्रेस के विधायकों को टूटने की खबर आने लगी ,मिशन लोजपा के सफलता के बाद नितीश का कुनबा लगातार कांग्रेस और राजद पर नज़ारे जमाये हुए है और इन्हे उन्हें तोड़ने की कोशिश लगातार जारी है
कांग्रेस ने अपने विधायकों के टूटने की खबर का खंडन किया है. रविवार की रात लोजपा में हुई टूट के बाद से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में कांग्रेस के विधायक भी बहुत जल्द अपना पहला बदल सकते हैं. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और जेडीयू के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के तकरीबन 11 विधायक जेडीयू के लगातार संपर्क में हैं, जो कभी भी टूट सकते हैं. लेकिन, दलबदल कानून के प्रावधानों के तहत विधायकों के टूटने के लिए 13 की संख्या होना अनिवार्य है. इसके लिए जेडीयू की तरफ से अब ‘ऑपरेशन कांग्रेस’ चलाया जा रहा है
इस ऑपरेशन में 3 और विधायकों को साथ जोड़ने की कवायद चल रही है. दूसरी ओर पार्टी के वरीय नेता और एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने इन बातों का खंडन किया है. मिश्रा ने कहा कि यह सब काल्पनिक है और मीडिया में ये खबरें जेडीयू के उन नेताओं द्वारा प्लांट कराई जा रही हैं जो नीतीश कुमार के समक्ष अपनी उपयोगिता साबित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा तो सीधे आरोप भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी पर है जो कांग्रेस के भगोड़े हैं, वो इस काम मे लगे हुए हैं. लेकिन कांग्रेस का एक भी MLA पार्टी छोड़कर नहीं जा रहा है
प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारा विधायक दल एकजुट है. हम जानते हैं कि हमारा परसेप्शन का खेल चल रहा है. प्रेमचंद ने कहा कि एलजेपी को आपने तोड़ दिया, लेकिन कांग्रेस कोई एलजेपी है क्या और नीतीश कुमार कांग्रेस को नाराज कर देंगे? नीतीश कुमार राजनीतिक व्यक्ति हैं वो कभी भी नहीं चाहेंगे कि कांग्रेस का दरवाजा उनके लिए बंद हो जाए. मिश्रा ने दावा किया कि बिहार में एनडीए की सरकार गिरने जा रही है और गठबंधन की सरकार बनेगी. बिहार में इस समय कांग्रेस के कुल 19 विधायक हैं और टूटने के लिए दो तिहाई विधायकों का किसी भी दल के लिए साथ आना जरूरी है.