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बंगाल भाजपा मे हो सकती है बड़ी टूट, शाह की मौजूदगी मे पार्टी ज्वाइन करने वाले राजीव बनर्जी ने की ममता सरकार की वकालत

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरीके सेTMC से भाजपा में आए नेताओं के बीच फिर से एक बार घर वापसी की होड़ लगी हुई है उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अपने साम्राज्य को खड़ा करने वाली भाजपा कहीं बंगाल से साफ ना हो जाए ,जिन बड़े नेताओं पर भाजपा ने दांव लगाया था उन्हीं बड़े नेताओं के इशारे अब ममता की ओर हो रहे हैं, टीएमसी को छोड़कर चुनाव से पहले अमित शाह की अगुवाई में भाजपा में शामिल होने वाले राजीव बनर्जी अब फिर से ममता की वकालत करना शुरू कर चुके हैंममता बनर्जी का दावा- जाकिर हुसैन पर था दूसरी पार्टी में शामिल होने का 'दबाव'

चार बार की विधायक सोनाली गुहा ने की थी, जो कभी ममता बनर्जी की छाया मानी जाती थीं. गुहा ने बीजेपी में शामिल होने को अपनी गलती माना था. दीदी को ओपन लेटर लिखते हुए सोनाली गुहा ने कहा था, ‘जिस तरह एक मछली पानी से बाहर नहीं रह सकती है, मैं आपके बिना नहीं रह पाऊंगी दीदी. मैं आपसे माफी मांगती हूं और मुझे पार्टी में वापस आने की अनुमति दें. मैं अपना बाकी जीवन आपके स्नेह की छाया में बिताना चाहती हूं.’

इसके बाद फुटबॉलर से नेता बने दीपेंदु विश्वास ने ममता से घर वापसी की गुहार लगाई. उन्होंने भी टीएमसी छोड़कर बीजेपी में जाने को एक बुरा फैसला बताया. दीपेंदु विश्वास ने ममता बनर्जी के नाम चिट्टी में लिखा- ‘पार्टी और पद छोड़ने का फैसला भावनात्मक था. क्योंकि उन्हें इनएक्टिव होने का डर था. अब पार्टी में वापसी चाहते हैं. दीपेंदु विश्वास ने बशीरहाट दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम करने की इच्छा भी व्यक्त की.क्या BJP मेरी हत्या की साजिश रच रही है, EC को कौन चला रहा है?:ममता

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घर वापसी की रेस में सबसे नया नाम मुकुल रॉय का लगता है. बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि वह टीएमसी में वापस आ रहे हैं. राजनीतिक हलकों में हाल ही में उस समय चर्चा को बल मिला, जब मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु ने जरूरत के वक्त परिवार के साथ खड़े रहने के लिए ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा किया. इससे उन्होंने यह संकेत दिया कि राजनीतिक पुनर्गठन की संभावना बनी हुई है.पश्चिम बंगाल : ममता का एक और विकेट गिरा, राजीव बनर्जी ने दिया TMC से इस्तीफामुकुल रॉय की पत्नी और सुभ्रांशु की मां कृष्णा रॉय कोरोना संक्रमित होने के बाद से कोलकाता के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं. मुकुल रॉय भी कोरोना से संक्रमित हो गए थे. अब उनकी तबीयत में सुधार है. सुभ्रांशु ने कहा था, ‘मैं आभारी हूं कि ममता बनर्जी ने विभिन्न माध्यमों से हमारी मदद की और जरूरत के वक्त परिवार के साथ खड़ी रहीं.’ उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मुख्यमंत्री के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता के अपोलो अस्पताल का दौरा किया था, जहां कृष्णा रॉय का इलाज चल रहा है.भाजपा से TMC में रिवर्स माइग्रेशन रोकने की कोशिश में जुटे नेता, बंगाल में दो मोर्चों पर जूझ रही पार्टी west bengal Leaders trying to stop reverse migration from BJP to TMCमुकुल रॉय के साथ ही टीएमसी में वापसी की इच्छा रखने वाले एक और नेता का नाम सामने आ रहा है. वह हैं राज्य के पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी. वो इस साल की शुरुआत में टीएमसी से अलग होकर बीजेपी में चले गए थे. बीजेपी नेता ने मंगलवार को सोशल मीडिया पोस्ट पर चेतावनी दी कि लोग बंगाल में विशाल जनादेश के साथ चुनी गई सरकार के खिलाफ लोग राष्ट्रपति शासन की धमकियों को स्वीकार नहीं करेंगे. राजीब बनर्जी ने जनवरी में टीएमसी छोड़ने पर कहा था कि उन्हें इसके लिए मजबूर किया गया, क्योंकि पार्टी के नेताओं के एक वर्ग ने उनके कामकाज की शैली को लेकर सवाल खड़े किए थे और उन्हें अपमानित किया था.ममता पर नड्डा का हमला, कहा- बंगाल की जनता ने ममता को नमस्ते और टाटा कहने का मन बना लिया

राजीब बनर्जी और मुकुल रॉय चुनाव के बाद की हिंसा को लेकर बीजेपी नेतृत्व की बैठक में भी शामिल नहीं हुए. पूर्व विधायक ने कहा कि सभी को राजनीति से ऊपर उठकर राज्य के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए, जो कि COVID-19 महामारी और चक्रवात यास के कारण मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. बीजेपी के नेताओं ने बनर्जी के इस बयान पर नाखुशी जाहिर की थी.preparations begin for amit shah public meeting on january 30 in west bengal 30 जनवरी को बंगाल दौरे पर आ रहे अमित शाह - Navbharat Times

​​तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बागी नेताओं की वापसी का फैसला अध्यक्ष ही लेंगी. हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना ​​है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी फिलहाल इन नेताओं की दोबारा वापसी को लेकर किसी जल्दी में नहीं हैं.

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पार्टी के भीतर के सूत्रों ने कहा कि बुरे वक्त में पार्टी का साथ छोड़ने वालों पर भरोसा नहीं किया जा सकता. इनमें से कई ने शीर्ष नेतृत्व को ब्लैकमेल किया. ऐसे नेताओं को वापस लाने से टीएमसी की छवि धूमिल हो सकती है

विधानसभा चुनाव के दौरान और उसे पहले पार्टी में शामिल हुए नेता, टीएमसी TMC में वापस लौटने की कोशिश में लगे हुए हैं. भाजपा उपाध्यक्ष मुकुल रॉय कोलकाता में राज्य प्रमुख दिलीप घोष द्वारा बुलाई गई पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हुए. इस मुद्दे पर अब तक रॉय तो चुप हैं लेकिन उनके बेटे शुभ्रांशु ने तृणमूल कांग्रेस में वापसी की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है. सीएम ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि भाजपा के 35 विधायक ‘घर वापसी’ करना चाहते हैं और नेतृत्व के संपर्क में हैं.

नेताओं की बगावत और ‘रिवर्स माइग्रेशन’ के संकेतों के बीच तृणमूल से भाजपा में आए प्रमुख नेता सुवेंदु अधिकारी ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. इतना ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. इसके साथ ही भाजपा के दो सांसद अर्जुन सिंह और सौमित्र खान भी ‘फीडबैक और रिव्यू’ के मकसद से दिल्ली आ रहे हैं.

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बंगाल में चुनाव के पहले और चुनाव के बाद ममता का साथ छोड़कर बीजेपी में आने वाले नेताओं पर पार्टी की रणनीति पर स्थानीय इकाई ने सवाल खड़े किए हैं. नेताओं ने नाराजगी जताई कि भाजपा ने स्थानीय नेतृत्व पर भरोसा करने के बजाय राज्य के चुनाव के लिए बाहर से नेताओं को बाहर से लाई. इस गलती से ममता को लाभ मिला. नेताओं का कहना है कि लोकल लीडरशिप ने ही साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पार्टी की झोली में डाला

राजीव बनर्जी पर भी बीजेपी को संदेह
भाजपा को जिन नेताओं पर संदेह है कि वह TMC में वापस जा सकते हैं कि उसमें राजीव बनर्जी भी शामिल हैं. वह गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए थे. तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये नेता राजीव बनर्जी ने मंगलवार को सोशल मीडिया पोस्ट में अपने नये दल को चेतावनी दी कि ‘लोग भारी जनादेश से चुनी गयी गयी सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति शासन की धमकी को पसंद नहीं करेंगे.’जेपी नड्डा पश्चिम बंगाल में प्रचार करने के लिए क्योंकि नरेंद्र मोदी ने भविष्यवाणी की कि भाजपा सरकार बनाएगी - राजनीति समाचार, फ़र्स्टपोस्ट ...जनवरी में तृणमूल कांग्रेस छोड़ने के बाद बनर्जी ने कहा था कि वह ऐसा करने के लिए बाध्य हुए क्योंकि तृणमूल नेताओं के एक वर्ग ने ‘उनके कामकाज के तौर तरीके को लेकर अपनी शिकायतें सामने रखने पर उन्हें अपमानित किया.’ चुनाव बाद हिंसा को लेकर प्रदेश भाजपा नेतृत्व की बैठक से दूर रहने वाले राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी एवं यास तूफान से उत्पन्न इस संकट की घड़ी में सभी को राजनीति से ऊपर उठना चाहिए और राज्य के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए. तृणमूल के एक अन्य पूर्व नेता सब्यसाची ने कहा, ‘जो नेता बंगाली नहीं बोल सकते उन्हें कैंपेनिंग देना एक बड़ी गलती थी !

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