कोरोना टीकाकरण के बाद आने वाले सर्टीफिकेट पर जिस प्रकार अब तक प्रधानमंत्री की तस्वीरें होती थी उसे लेकर बंगाल में अब रण देखने को मिल रहा है पीएनसी ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि टीकाकरण के प्रमाण पत्र पर बंगाल में पीएम मोदी की तस्वीर क्यों होगी इस पर राज्य की मुखिया ममता बनर्जी की तस्वीर क्यों ना हो जैसे ही टीएमसी ने इस प्रतिक्रिया को दिया फिर भाजपा ने भी इस पर अपनी आपत्ति जताई
राज्य सरकार का कहना है कि तीसरे चरण के वैक्सीनेशन में 18-44 साल के लोगों को वैक्सीन लगने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फोटो वाले सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।
ममता ने पीएम मोदी की फोटो की आलोचना की
बता दें कि पहले से ही ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली टीएमसी और केंद्र सरकार के बीच कई मुद्दों को लेकर अनबन है और ये मुद्दा राज्य और केंद्र सरकार के बीच और दूरी बढ़ा सकता है। हालांकि इससे पहले टीएमसी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो पर आपत्ति जता चुकी हैं और इसकी आलोचना कर चुकी हैं।
बता दें कि इसी साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव हुए और इस दौरान टीएमसी ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की थी। शिकायत में टीमसी ने वैक्सीनेशन के बाद सर्टिफिकेट में पीएम मोदी की तस्वीर को आचार संहिता का उल्लंघन बताया था।
भाजपा ने टीएमसी के इस फैसले पर जताई नाराजगी
हालांकि भारतीय जनता पार्टी की बंगाल इकाई ने टीएमसी के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य का कहना है कि टीएमसी प्रधानमंत्री पद की गरिमा को स्वीकार नहीं कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि टीएमसी एक अलग निर्भर देश की तरह व्यवहार कर रही है। टीएमसी ये मानने को तैयार नहीं है कि ये जो लोग जहां रहते हैं, वो भारत का ही एक हिस्सा है।
बता दें कि ममता बनर्जी पहले कई बार ये मांग कर चुकी हैं कि सभी लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाई जाए। उन्होंने सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर की आलोचना की। टीएमसी के सौगत रॉय का कहना है कि यह पहले भाजपा वालों ने ऐसा किया। उन्होंने आगे कहा कि अगर वो ऐसा कर सकते हैं और हम भी ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वो ऐसा नहीं करते तो हम भी ऐसा नहीं करते।