वेंटिलेटर तो हैं लेकिन चलाने वाला कोई नहीं
बता दें कि अररिया के जिला अस्पताल में छह वेंटिलेटर हैं लेकिन इसे चलाने वाला कोई नहीं है। विधायक की पत्नी के साथ-साथ ऐसे कई लोग हैं, जो समय पर वेंटिलेटर ना मिलने की वजह से अपनी जान से हाथ धो बैठे। मंजूला देवी के घरवालों ने बताया कि वो पिछले आठ दिनों से बीमार थीं। उनका इलाज स्थानीय स्तर पर चल रहा था।
परिजनों की माने तो मंगलवार को मंजूला देवी का हालात गंभीर हो गई थी। इसके बाद उन्हें जिला मुख्यालय स्थित डॉ. सुदर्शन झा को दिखाया गया और उन्होंने तुरंत वेंटिलेटर पर शिफ्त करने को कहा। इसके बाद मंजूला देवी को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां वेंटिलेटर तो थे लेकिन उसे चलाने वाला कोई नहीं था।
रास्त में ही हो गई विधायक की पत्नी की मौत
इसके बाद आनन फानन में मंजूला देवी को मुरलीगंज स्थित एक अस्पताल ले जाने लगे लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। अपनी पत्नी की मौत के बाद विधायक अचमित बेहद दुखी हैं। उनके जानने-पहचानने वाले लोग उनको सांत्वना दे रहे हैं। विधायक ने बताया कि मंजूला देवी समाजसेवी थी।