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बिहार आपदा विभाग का फैसला कोरोना को देखते हुए घर-घर सर्वे से होगी ट्रेसिंग और ट्रैकिंग

बिहार सरकार के आपदा विभाग ने बिहार के हर घरों के ट्रेसिंग और ट्रैकिंग करने का फैसला किया हैं, राज्य में ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण के मरीज शहरों के अस्पतालों में आ रहे हैं। हालात बिगड़ते देख बिहार सरकार ने डोर-टू डोर सर्वे करने का फैसला किया है। क्या है केजरीवाल सरकार का 'ऑपरेशन शील्ड', कोरोना से निपटने में कैसे करेगा  मदद? - corona virus covid 19 delhi government operation shield arvind  kejriwal lockdown - AajTakबिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने सोमवार को बताया कि कोरोना की पहली लहर गांवों तक नहीं पहुंची थी, लेकिन दूसरी लहर गांवों में तेजी से पैर पसारने लगी है, कई जिलों के गांवों में कोरोना के मरीज निकल रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने घर-घर सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक होम आइसोलेशन कोविड ट्रैकिंग ऐप भी बनाया गया है, जिसके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में होम आइसोलेशन में लोगों की लगातार निगरानी और ट्रैकिंग की जाएगी।COVID-19 Tracker India State-Wise, Total Corona Virus Cases in India  District-Wise, State-wise update on www.covid19india.org, mygov.in, Check  here - Coronavirus in India Live Updates: कोरोना पर दिल्ली की स्थिति  चिंताजनक ...स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं को अभियान में लगाया गया
हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं, लेकिन सतर्क के लिए यह अभियान चलाना जरूरी है।  स्वास्थ्य मंत्री पांडे के मुताबिक सरकार ने गांवों में मामलों का पता लगाने के लिए मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को तैनात किया है और परीक्षण भी बढ़ाया जा रहा है। बता दें कि बिहार में पिछले एक हफ्ते में कोविड-19 के मामलों में भारी गिरावट देखी गई है। बिहार में बीते 24 घंटें में 5,920 नए मामले सामने आए हैं, जबकि कुल एक्टिव मामले लगभग 70,000 आए। वहीं पॉजिटिविटी रेट 4.72 फीसदी पर आ गई है।lockdown in delhi: Lockdown in delhi latest news cm arvind kejirwal :  दिल्ली में 24 मई तक बढ़ सकता है लॉकडाउन, इन वजह से मिल रहे संकेत -  Navbharat Times पिछले साल भी सरकार ने चलाई थी मुहिम
गौरतलब है कि पिछले साल पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर कोरोना प्रभावित जिलों में डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान चलाया गया था। यह अभियान चलाने वाला बिहार देश का पहला राज्य था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया था कि बाहर से आने वाले लोगों की ट्रैकिंग और ट्रेसिंग होनी चाहिए। लिहाजा प्रभावित जिलों में डोर-टू डोर अभियान जरूरी है। 

अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रमिकों के लिए दो कैटगरी बनाई गई थी। सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से आने वालों को (क) श्रेणी में  और सामान्य प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले श्रमिकों को (ख) श्रेणी में रखा गया था। (क) श्रेणी वालों को ब्लाक स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर में एवं (ख) श्रेणी वालों को होम क्वारंटाइन में रखने का निर्देश दिया गया था।

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