उन्होंने कहा, इस समय हालात बेहद चिंताजनक हैं, भारत और दक्षिण एशिया के दूसरे देशों में रोजाना संक्रमण के केस और मौतों की संख्या चिंता का विषय हैं। सभी देशों ने कम आंकड़े दिखाए हैं। असल संख्या कुछ और है। सरकार को असल आंकड़े दिखाने चाहिए।सोमवार को डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि पिछले साल पाए गए भारतीय वैरिएंट को पूरी दुनिया के लिए चिंताजनक बताया गया था। कुछ शुरुआती परीक्षणों में पता चला था कि ये बहुत तेजी से फैलता है।
डब्ल्यूएचओ ने कोविड के भारतीय स्वरूप (बी-1617) को वैश्विक स्तर पर ‘चिंताजनक स्वरूप’ की श्रेणी में रखा है।
डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 तकनीकी दल से जुड़ीं डॉ. मारिया वैन केरखोव ने सोमवार को कहा कि सबसे पहले भारत में सामने आए वायरस के स्वरूप बी.1.617 को पहले डब्ल्यूएचओ द्वारा ‘निगरानी स्वरूप’ की श्रेणी में रखा गया था।
उन्होंने कहा कि वायरस के इस स्वरूप को लेकर डब्ल्यूएचओ के विभिन्न दलों के बीच भी चर्चा जारी है और उनकी नजर इस बात पर भी है कि हमारे पास इसकी संक्रमण के बारे में क्या क्या जानकारियां हैं और भारत व अन्य देशों में इस वायरस के प्रसार के बारे में क्या क्या अध्ययन हो रहे हैं।
केरखोव ने कहा कि कोविड-19 के भारतीय स्वरूप के बारे में उपलब्ध जानकारी एवं इसकी प्रसार क्षमता पर चर्चा करने के बाद हमने इसे वैश्विक स्तर पर चिंताजनक स्वरूप की श्रेणी में रखा है।