ऑक्सीजन सप्लाई का दिल्ली मॉडल
- होम आइसोलेशन में अगर मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है तो वे http://delhi.gov.inपोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड, या कोई वैध फोटो आईडी, कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट, सीटी स्कैन जैसे दूसरे डॉक्यूमेंट भी सबमिट करने होंगे।
- ऑक्सीजन के लिए मिलने वाले ऑनलाइन आवेदनों की जांच के लिए संबंधित DM पर्याप्त कर्मचारियों की ड्यूटी लगाएंगे। ये कर्मचारी प्रायरिटी के आधार पर आवेदकों को ई-पास जारी करेंगे।
- डीएम ही ऐसे डिपो और डीलर की पहचान करेंगे, जो मरीजों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ही काम करेंगे। ऐसे मरीजों को किसी भी स्थिति में प्लांट तक जाने को नहीं कहा जा सकता है।
- डीएम ही ये निश्चित करेंगे कि ऑक्सीजन डीलर्स रोज अपने सिलेंडर तय किए गए प्लांट पर रीफिल करवा सकें।
- ऑक्सीजन की उपलब्धता के आधार पर डीएम तारीख, समय और जगह के साथ पास जारी करेंगे, जिससे डिपो पर ऑक्सीजन सिलेंडर बदला जा सके या दिया जा सके। पास जारी करने से पहले ही डीएम ही निश्चित करेंगे कि ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हों।
- डीएम ही ये तय करेंगे कि ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई न्यायपूर्ण तरीके और बराबरी से जरूरतमंदों में हो। ऑक्सीजन के भरोसे चल रहे नॉन कोविड हॉस्पिटल, नर्सिंग होम्स, एंबुलेंस और एसओएस सिलेंडर्स को भी इसकी सप्लाई सही तरह से हो।
कोर्ट पहुंचा ऑक्सीजन की किल्लत का मामला
दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से कई कोरोना मरीजों को जान गंवानी पड़ रही है। केजरीवाल सरकार लगातार केंद्र से दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई करने की गुहार लगा रही है। मामला दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। मामले में आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, जहां केंद्र सरकार अपना जवाब पेश करेगी। कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से कहा था कि दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई का प्लान बताएं
अवमानना नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था केंद्र
दिल्ली सरकार को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई करने के 2 मई के आदेश का पालन नहीं होने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए अवमानना नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के खिलाफ केंद्र बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।