यूपी में आने वाले 2022 के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने की योजना बना रही है! जहां पार्टी आलाकमान के द्वारा इस बात का फैसला किया गया कि यूपी के दंगल में बिना किसी के सहयोग और गठबंधन के कांग्रेस पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी, प्रदेश की 403 सीटों पर अपने दमखम दिखाने कांग्रेस पूरा जोर शोर से प्रचार अभियान में जुड़ चुकी है! विधानसभा चुनाव में भले ही अभी 15 महीने बाकी हों, लेकिन राजनीतिक पार्टियां अभी से अपने-अपने सियासी समीकरण और गठजोड़ बनाने में जुट गई हैं. समाजवादी पार्टी ने 2022 चुनाव के लिए छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन करने का ऐलान किया है तो दूसरी ओर तमाम छोटी पार्टियां बिहार की तर्ज पर यूपी में अपना अलग मोर्चा बनाने में जुटी हैं. वहीं, कांग्रेस ने सूबे में आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ी या छोटी किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करने का फैसला किया है और सभी 403 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस यूपी मिशन-2022 के अभियान का आगाज 28 दिसंबर को पार्टी स्थापना दिवस से करने जा रही है.
यूपी कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने aajtak.in को बताया कि पार्टी ने तय किया है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बड़े या छोटे किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी. सभी 403 सीटों पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी उतारेगी. उन्होंने बताया कि अभी तक कांग्रेस पार्टी यूपी में इसीलिए गठबंधन करती रही है कि जमीनी स्तर पर हमारा संगठन नहीं था, लेकिन अब सूबे में हमारी पार्टी का न्याय पंचायत और बूथ स्तर तक का संगठन बनकर तैयार हो गया है. ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी अपने दम पर ही चुनाव लड़ेगी और खुद को मजबूत करेगी.
शाहनवाज आलम ने बताया कि कांग्रेस की स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी सूबे में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रही है. 28 दिसंबर को कांग्रेस के कार्यकर्ता यूपी के सभी गांव में पार्टी का झंडा फहराएंगे. इसके लिए सूबे के सभी 823 ब्लॉक में कांग्रेस कार्यकर्ता तीन दिवसीय यात्रा करेंगे, जो अपने-अपने ब्लॉक के सभी गांवों में जाकर पार्टी की नीतियों से लोगों को अवगत कराएंगे और मोदी-योगी सरकार की खामियों को भी बताने का काम करेंगे !
कांग्रेस की कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी भी जनवरी के दूसरे हफ्ते से मिशन-2022 का जायजा लेने के लिए उतर रही है. यूपी कांग्रेस के सांगठनिक सचिव अनिल यादव ने बताया कि प्रियंका गांधी यूपी में अब रहकर ही संगठन को धार देंगी. पश्चिम यूपी के जिलों का दौरा प्रियंका गांधी दिल्ली में रहकर करेंगी जबकि पूर्वांचल और सेंट्रल यूपी का दौरा लखनऊ में रहकर करेंगी यह तय हो चुका है. प्रियंका गांधी के यूपी दौरे की तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन जनवरी के दूसरे सप्ताह का प्लान बना है.
हालांकि, प्रियंका गांधी के यूपी दौरे से पहले कांग्रेस संगठन में तेजी लाने के लिए अपने बड़े नेताओं को एक-एक जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अनिल यादव ने बताया कि पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं को एक-एक जिले में संगठन पूरी तरह से सक्रिय रखने की जिम्मेदारी दे दी गई है, जो 3 जनवरी से 15 दिनों पर अपने-अपने जिले के प्रवास पर रहेंगे. इस दौरान पार्टी के नेता निश्चित जिले में रहकर संगठन की कमजोरियों और खामियों को पूरी तरह से दूर करने का काम करेंगे. इसी दौरान प्रियंका गांधी का दौरा शुरू होगा और वो सूबे के एक-एक इलाके में जाकर पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगी.
प्रियंका उत्तर प्रदेश के सिसायी रण में उतरने से पहले अपना संगठन दुरुस्त कर लेना चाहती है. ऐसे में कांग्रेस का लक्ष्य है कि प्रदेश की 60 हज़ार ग्राम सभाओं पर ग्राम कांग्रेस कमेटियों का गठन किया जाए. सूबे के 75 जिले और 823 ब्लाक कमेटी के अलावा 8300 न्याय पंचायत में से 2300 न्याय पंचायत में कांग्रेस ने अपना संगठन बना लिया है और बाकी बची पंचायतों में अगले दस दिन में बनाने का लक्ष्य रखा गया है. कांग्रेस ने एक न्याय पंचायत में 21 सदस्यीय कमेटी बनाई है. प्रियंका गांधी को जिम्मेदारी मिलने और अजय कुमार लल्लू के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस का जर्जर पड़ चुका सांगठनिक ढांचा एक बार फिर से जिंदा होने लगा है. माना जा रहा है कि कांग्रेस की गांव स्तर पर संगठन करीब 3 दशक बाद स्वरूप लिया है.