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बिहार, बंगाल समेत कई राज्यों में भूंकप के झटके, सिक्किम-नेपाल बॉर्डर पर सोमवार रात 8 बजकर 49 मिनट पर महसूस किए गए भूकंप के झटके

बिहार, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई। बिहार, बंगाल के अलावा असम और सिक्किम में भी भूंकप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों के बाद सहमे लोग घरों से बाहर निकाल आए। सिक्किम-नेपाल बॉर्डर पर सोमवार रात 8 बजकर 49 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 थी। भूकंप के झटके पश्चिम बंगाल, बिहार और असम में भी महसूस किए गए हैं। फिलहाल भूकंप से हुए नुकसान की जानकारी नहीं मिल पाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूकंप का केंद्र सिक्किम की राजधानी गंगटोक से 25 किमी पूर्व और उत्तर पूर्व की तरफ जमीन में 10 किलोमीटर की गहराई पर था।सिक्किम-नेपाल बॉर्डर पर भूकंप का केंद्र दिखाते हुए मैप।

बिहार में पटना समेत पूर्वोत्तर जिलों में महसूस हुए झटके
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार की राजधानी पटना के साथ राज्य के पूर्वोत्तर जिलों अररिया, पूर्णिया और किशनगंज में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इसके बाद लोग घबराकर घरों से बाहर आ गए। मध्य बिहार, गंगा के तटवर्ती जिलों मुंगेर, औरंगाबाद और भागलपुर में भी लोगों ने झटके महसूस किए हैं। बिहार में इससे पहले 15 फरवरी की रात भूकंप का झटका आया था।

देश में भूकंप के 5 जोन
भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप का खतरा देश में हर जगह अलग-अलग है। खतरे के हिसाब से देश को 5 जोन में बांटा गया है।

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जोन-1: इसमें पश्चिमी मध्यप्रदेश, पूर्वी महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और उड़ीसा के हिस्से आते हैं। यहां भूकंप का सबसे कम खतरा है।

जोन-2: तमिलनाडु, राजस्थान और मध्यप्रदेश का कुछ हिस्सा, पश्चिम बंगाल और हरियाणा। यहां भूकंप की संभावना रहती है।

जोन-3: केरल, बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिमी राजस्थान, पूर्वी गुजरात, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश का कुछ हिस्सा आता है। इस जोन में भूकंप के झटके आते रहते हैं।ty

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जोन-4 : मुंबई, दिल्ली जैसे महानगर, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी गुजरात, उत्तरांचल, उत्तरप्रदेश के पहाड़ी इलाके और बिहार-नेपाल सीमा के इलाके शामिल हैं। यहां भूकंप का खतरा लगातार बना रहता है और रुक-रुक कर भूकंप आते रहते हैं।

जोन-5 : भूकंप के लिहाज से ये सबसे खतरनाक इलाका है। इसमें गुजरात का कच्छ इलाका, उत्तरांचल का एक हिस्सा और पूर्वोत्तर के ज्यादातर राज्य शामिल हैं।

भूकंप की तीव्रता और उसका असर
रिक्टर स्केल पर 2.0 की तीव्रता से कम वाले भूकंप के झटकों की संख्या रोजाना लगभग 8 हजार होती है, जो इंसान को महसूस नहीं होते।

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  • 2.0 से लेकर 2.9 की तीव्रता वाले लगभग एक हजार झटके रोजाना दर्ज किए जाते हैं, लेकिन आम तौर पर ये भी महसूस नहीं होते।
  • रिक्टर स्केल पर 3.0 से लेकर 3.9 की तीव्रता वाले झटके साल में लगभग 49 हजार बार दर्ज किए जाते हैं, कभी-कभार ये नुकसान कर देते हैं।
  • 4.0 से 4.9 की तीव्रता वाले भूकंप साल में लगभग 6200 बार दर्ज किए जाते हैं। इससे थरथराहट महसूस होती है और नुकसान होता है।Earthquake of magnitude 5.4 on the Richter scale occurred near Sikkim-Nepal  border at 2049 hours; Earthquake tremors also felt in parts of Assam, Bihar  and West Bengal | सिक्किम-नेपाल बॉर्डर पर 5.4
  • 5.0 से 5.9 तक का भूकंप एक छोटे क्षेत्र में स्थित कमजोर मकानों को नुकसान पहुंचाता है, ऐसे झटके साल में लगभग 800 बार महसूस होते हैं।
  • 6.0 से 6.9 तक की तीव्रता वाला भूकंप साल में लगभग 120 बार दर्ज किया जाता है और यह 160 किलोमीटर तक के दायरे में काफी घातक साबित हो सकता है।
  • 7.0 से लेकर 7.9 तक की तीव्रता का भूकंप एक बड़े क्षेत्र में भारी तबाही मचा सकता है और जो साल में लगभग 18 बार दर्ज किया जाता है।
  • रिक्टर स्केल पर 8.0 से लेकर 8.9 तक की तीव्रता वाला भूकंपीय झटका सैकड़ों किलोमीटर के क्षेत्र में भीषण तबाही मचा सकता है, जो साल में एकाध बार महसूस होता है।
  • 9.0 से लेकर 9.9 तक के पैमाने का भूकंप हजारों किलोमीटर के क्षेत्र में तबाही मचा सकता है, जो 20 साल में लगभग एक बार आता है।पटना में भूकंप के हल्के झटके, डर से घरों से बाहर निकले लोग - Earthquake  tremors felt patna bihar people come out of home - AajTak

इंसानी गतिविधियों से भी आ सकते हैं भूकंप
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिक प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।

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