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हरिद्वार -कुंभ मेले में सरकार की ओर से अखाड़ों, आश्रमों मठ-मंदिरों को सस्ती दरों पर राशन राशन देगी सरकार

कुंभ मेले की अधिसूचना जारी होने के साथ ही सरकार की ओर से अखाड़ों आश्रमों के लिए क़रीब 18 सौ मीट्रिक टन राशन आवंटित किया गया है. जल्द ही यह राशन खाद्य आपूर्ति विभाग के गोदाम तक पहुंच जाएगा.modi government made new rules for Ration Card your old ration card will  not change One Nation One Ration Card Scheme get all benefits of ration  scheme by same card

हरिद्वार में इन दिनों कुंभ मेला चल रहा है. कुंभ मेले के दौरान अखाड़ों आश्रमों और मठों में लगातार अन्नक्षेत्र, भंडारे चलाए जाते हैं. इन भंडारों में ना सिर्फ साधु-संत बल्कि आम श्रद्धालु भी भोजन करते हैं. हजारों लोगों को भोजन कराने के लिए भारी मात्रा में गेहूं चावल चीनी आदि की जरूरत पड़ती है. ऐसे में सरकार की ओर से भी आश्रमों को सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध कराया जाता है.हरिद्वार: शक्तिपीठों और अखाड़ों के लिए प्रसिद्ध यह शहर उत्तराखंड का  औद्योगिक केन्द्र भी- Haridwar: This city famous for Shaktipeeth and Akhada  is also the industrial center of ... कुंभ मेले की अधिसूचना जारी होने के साथ ही सरकार की ओर से करीब 18 सौ मीट्रिक टन राशन आवंटित कर दिया गया है.हरिद्वार के जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी के. के. अग्रवाल ने बताया कि अगले सप्ताह तक राशन गोदाम में पहुंच जाएगा और आश्रमों को राशन वितरण का काम शुरू कर दिया जाएगा. इसके तहत गेहूं 5 रुपये किलो चावल 6 रुपए किलो और 17 रुपये किलो की दर से चीनी दी जाती है, जिससे भंडारा चलाने वाली धार्मिक संस्थाओं पर आर्थिक बोझ कम पड़ता है.administration seals har ki padi to prevent devotees to participate in  aarti in haridwar in uttarakhand - हरकी पैड़ी चारों ओर से सील, गंगा आरती  में नहीं शामिल हो सकेंगे श्रद्धालु

आम श्रद्धालु भी ले सकते हैं लाभ

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सिर्फ अखाड़ों के साधु संत ही नहीं बल्कि कुंभ मेले में पहुंचे आम श्रद्धालु भी सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि सभी आश्रमों और धर्मशालाओं को उनकी मांग के अनुसार राशन उपलब्ध कराया जाता है, जो आम श्रद्धालु भी खुद खाना बनाकर ही खाना चाहते हैं. वह भी सस्ती दरों पर राशन प्राप्त कर सकते हैं.Centre issues COVID-19 guidelines in view of 'Kumbh Mela' at Haridwar:  Here's the full list of SOPs

साधु संत कर रहे हैं सराहना

अखाड़ों के साधु संत भी सरकार की योजना को सराह रहे हैं. निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि कुंभ मेले जैसे आयोजन में सैकड़ों अन्य क्षेत्र और भंडारे चलाए जाते हैं. हर दिन हजारों लोग भोजन करते हैं. इसके लिए सिर्फ अखाड़ों के संसाधन काफी नहीं हैं. सरकार की ओर से सस्ती दरों पर जो राशन उपलब्ध कराया जाता है, उसे धार्मिक संस्थाओं को काफी लाभ होता है.

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