बिहार के कोषागारों से 631.50 करोड़ की राशि की की गई निकासी , CAG ने इसमें गडबड़ी की आशंका जताई हैं। बिहार के कोषागारों से 2018-2019 के दौरान AC बिल से हुई निकासियों का ब्योरा दिया गया है। इसके मुताबिक 2018-2019 में 453 AC बिल के जरिए 631.50 करोड़ की राशि की निकासी की गई , जिसमें से 297 करोड़ की निकासी केवल मार्च में की गई। अहम बात यह है कि 28 AC बिल के जरिए वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन यानि मार्च के अंतिम दिन में 2.16 करोड़ की राशि की निकासी की गई। कैग ने इस निकासी को बजट राशि खत्म करने की हड़बड़ी बताते हुए बजटीय प्रबंधन में कमी माना है। लोग इसे ‘मार्च लूट’ के रूप में मानते हैं।
आस्कमिक खर्च के लिए निकाले गए 5184 करोड़
वहीं, आस्कमिक खर्च के लिए निकाले गए 5184 करोड़ की राशि का DC बिल , यानि डिटेल कंटीजेंसी बिल CAG को नहीं मिली है। 2016 से 2018 के बीच की गई इस निकासी की जानकारी CAG ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दी है। AC यानि एडवांस कंटीजेंसी फंड के तौर पर सरकार के कोषागार से निकाली गई इस राशि का DC बिल नहीं मिलने पर CAG ने इसे खर्च में अपादर्शिता का मामला बताते हुए इसमें गडबड़ी की आशंका जताई है।
55 हजार 405 करोड़ का UC बिल नहीं मिला
CAG ने अपनी रिपोर्ट में 31 मार्च 2019 तक की स्थिति का ब्योरा देते हुए कहा कि 2016 से 2019 के बीच खर्च की गई 55 हजार 405 करोड़ की राशि का विभागों ने कोई उपयोगिता प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराया। उपयोगिता प्रमाणपत्र यानि UC नहीं देने वाले विभागों में सबसे आगे शिक्षा विभाग है, जिसने 14 हजार 864 करोड़ के UC पत्रों को जमा नहीं किया है। शिक्षा विभाग के बाद पंचायती राज विभाग ने 13 हजार 73 करोड़ के UC पत्र नहीं जमा किए हैं। ग्रामीण विकास विभाग ने 6 हजार 579 करोड़, शहरी विकास एवं आवास विभाग ने 6 हजार 412 करोड़, समाज कल्याण विभाग ने 4 हजार 512 करोड़ की राशि का UC पत्र जमा नहीं किया है। इन विभागों के अलावा अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, कृषि विभाग, योजना विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने भी 2 हजार से लेकर 1 हजार करोड़ तक UC बिल जमा नहीं किया है।