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पेंशन पाने वालों के लिए बड़ी खबर- जिंदा होने का प्रमाण देने के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य नहीं

जिंदा होने का प्रमाण देने के पेंशनधारकों को अब आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य नहीं होगा। केंद्र सरकार ने नए नियमों में इस बाध्यता से छूट दे दी है। मैसेजिंग सॉल्यूशन ‘संदेश’ और सरकारी दफ्तरों के बायोमीट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम में भी आधार नंबर की अनिवार्यता हटा दी गई है।आपके पास हैं 7 दिन, डॉक्यूमेंट्स करें जमा नहीं तो रूक जाएगी पेंशन- know  about jeevan pramaan sbi digital life certificate for pensioners

इससे पहले, सुशासन के लिए आधार प्रमाणीकरण नियम-2020 के तहत इन सेवाओं के लिए सत्यापन अनिवार्य था। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार, जीवन प्रमाण में आधार सत्यापन अनिवार्य नहीं, स्वैच्छिक होगा। कंपनियों को जीवन प्रमाणपत्र के लिए विकल्प उपलब्ध कराने होंगे। राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) को आधार अधिनियम 2016, आधार नियमन  2016 और यूआईडीएआई के ऑफिस मेमोरेंडम, सर्कुलरों व दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।Aadhar Card Updation 2020 : घर बैठे कर सकते हैं आधार कार्ड अपडेट, जानिए

इसी तरह, मंत्रालय ने संदेश एप के लिए भी आधार सत्यापन खत्म कर दिया है। एनआईसी ने गवर्नमेंट इंस्टेंट मैसेजिंग सिस्टम प्रोजेक्ट के तहत यह एप तैयार किया था, जिसका उपयोग सरकारी विभागों में किया जा रहा है। एप की अवधारणा की पुष्टि नीति आयोग, सीबीआई, सूचना प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय, सीबीआई, रेलवे, सेना, नौसेना, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय, इंटेलिजेंस ब्यूरो, बीएसएफ, सीआरपीएफ, दूरसंचार विभाग और गृह मंत्रालय समेत 150 संगठनों ने की है। सरकार एप को आम जनता के लिए भी उपलब्ध कराना चाहती है। बायोमीट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम के लिए भी अब आधार की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आधार बना सबसे बड़ा हथियार | Perform India

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पेंशनधारक लगातार कर रहे थे शिकायत
दरअसल डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र सेवा पेंशनधारकों की उस परेशानी को हल करने के लिए बनाई गई थी, जिसमें बुजुर्ग पेंशनधारकों को पेंशन बांटने वाली एजेंसी के सामने पेश होना पड़ता था या सेवानिवृत्ति के समय अपने संस्थान का अपने ही जिंदा होने का प्रमाणपत्र पेंशन देने वाली एजेंसी में जमा कराना पड़ता था।
डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र के कारण ऐसे बुजुर्गों को अपनी कंपनी में निजी तौर पर पेश होने से छूट मिल जाती थी। कई पेंशनधारकों को अपनी अंगुलियों के निशान धुंधले पड़ जाने के कारण पेंशन न मिलने की समस्या से जूझना पड़ता था।
हालांकि कुछ सरकारी संगठनों ने 2018 में ही पेंशनधारकों को पेंशन जारी करने के लिए दूसरे विकल्प का भी सहारा लेना शुरू कर दिया था।

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