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ट्रंप सरकार को मात देते हुए बाइडन ने 270 इलेक्टोरल वोट हासिल किये
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उनका जन्म 20 नवंबर, 1942 को पेंसिलविनिया राज्य के स्क्रैंटन में हुआ था
अमेरिका के चुनाव के नतीजों ने सबको चौंका दिया है, ट्रंप सरकार को बुरी तरिके से मात देते हुए बाइडन ने 270 इलेक्टोरल वोट हासिल किये, डोनाल्ड ट्रंप को पिछे छोडते हुए ये अप्रत्याशित जीत बाइडन की है! जो बाइडेन का पूरा नाम जोसेफ रॉबनेट बाइडेन जूनियर है। उनका जन्म 20 नवंबर, 1942 को पेंसिलविनिया राज्य के स्क्रैंटन में हुआ था। उनके पिता कैथोलिक आयरिश मूल के थे। जिनका नाम जोसेफ रॉबनेट बाइडेन था, जबकि माता का नाम कैथरीन यूजीन फिननेगन था। जो बाइडेन कुल तीन भाई और एक बहन थे। जिनमें जो सबसे बड़े थे। बाइडेन के पिता की माली हालत पहले अच्छी नहीं थी। बाद में जब उनके पिता कार सेल्समैन बने तब उनके घर की आर्थिक स्थिति बदली।
जो बाइडेन ने अपनी शिक्षा क्लेमॉन्ट में आर्चर अकादमी में पाई। जहां की फुटबाल टीम में भी वह काफी सक्रिय रहे। वह आर्थिक रूप से गरीब होने के बाद भी पैदायिशी नेता थे। इसलिए वह पढ़ाई के दौरान भी जूनियर और सीनियर क्लासेज में क्लास प्रेसिडेंट रहे। बाइडेन ने उच्च शिक्षा डेलावेयर विश्वविद्यालय से पाई। इस विश्वविद्यालय से उन्होंने इतिहास और राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया था।
अमेरिकी सीनेट के प्रतिनिधि के रूप में 35 साल बिताने के बाद जो बाइडेन की गणना डेमोक्रेटिक पार्टी के सबसे सफल और कद्दावर नेताओं में की जाने लगी। 2008 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से अपनी उम्मीदवारी को नामित करने का फैसला किया था। हालांकि, बाद में उन्होंने प्राइमरी से अपना नाम वापस ले लिया और फिर से सीनेटर के चुनाव में लग गए। जब इस चुनाव में पार्टी ने बराक ओबामा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया तो उन्होंने जो बाइडेन को अपना रनिंग मेट और उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना।
नवंबर 2008 को उन्हें उपराष्ट्रपति पद पर जीत मिली। जनवरी में बराक ओबामा ने राष्ट्रपति और जो बाइडेन ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। 2012 में पार्टी ने फिर से ओबामा और बाइडेन की जोड़ी को चुनावी मैदान में उतारा। जिसमें इन्हें फिर से जीत हासिल हुई और वे दोबारा अमेरिका के उपराष्ट्रपति बनें।