‘राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का विस्तार 70 एकड़ से बढ़ाकर 108 एकड़ करने की योजना के तहत राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ने राम जन्मभूमि परिसर के पास 7,285 वर्ग फुट जमीन खरीदी है। ट्रस्ट के एक अधिकारी ने गुरुवार को इस बारे में बताया। अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पवित्र शहर में भव्य मंदिर का निर्माण कर रहे ट्रस्ट ने 7,285 वर्ग फुट जमीन की खरीद के लिए 1,373 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से एक करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
न्यासी अनिल मिश्रा ने पीटीआई से कहा, ‘हमने यह जमीन खरीदी है क्योंकि राम मंदिर निर्माण के लिए हमें और जगह चाहिए थी।’ ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई यह जमीन अशरफी भवन के पास स्थित है। फैजाबाद के उप-पंजीयक एसबी सिंह ने बताया कि जमीन के मालिक दीप नरैन ने ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के पक्ष में 7,285 वर्ग फुट भूमि की रजिस्ट्री के दस्तावेजों पर 20 फरवरी को हस्ताक्षर किए। मिश्रा और अपना दल के विधायक इंद्र प्रताप तिवारी ने गवाह के तौर पर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।
फैजाबाद के उप-पंजीयक एसबी सिंह के कार्यालय में ही यह रजिस्ट्री की गई। तिवारी ने कहा, ‘राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा पहली बार जमीन खरीदने की प्रक्रिया का हिस्सा बन भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं।’ सूत्रों के अनुसार, ट्रस्ट की योजना अभी और जमीन खरीदने की है। राम मंदिर परिसर के पास स्थित मंदिरों, मकानों और खाली मैदानों के मालिकों से इस संबंध में बातचीत जारी है।
सूत्रों ने बताया कि ट्रस्ट विस्तारित भव्य मंदिर परिसर का निर्माण 108 एकड़ में करना चाहता है और इसके लिए उसे अभी 14,30,195 वर्ग फुट जमीन और खरीदनी होगी। गौरतलब है कि मुख्य मंदिर का निर्माण पांच एकड़ जमीन पर किया जाएगा और बाकी जमीन पर संग्रहालय और पुस्तकालय आदि जैसे केन्द्र बनाए जाएंगे।
रामनगरी को आध्यात्मिक मेगा सिटी के रूप में विकसित करने के लिए चयनित कंसलटेंट कंपनी एलई एसोसिएट्स दो प्रमुख फोरलेन व टूरिस्ट कॉम्पलेक्स का डीपीआर बनाने का कार्य करेगी। इसमेें पूर्व में स्वीकृत फोरलेन सहादतगंज-नयाघाट मार्ग व शृंगार घाट से हनुुमानगढ़ी मार्ग का डीपीआर बदलने की संभावना है। इसमें सड़कों की लंबाई व चौड़ाई पूर्व में स्वीकृत योजना के अनुसार ही होगी लेकिन योजना का नया डीपीआर कंसटेंट कंपनी बनाएगी। साथ ही अयोध्या में एक टूरिस्ट कॉम्पलेक्स बनाए जाने का डीपीआर भी तैयार किया जाएगा। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने अयोध्या विकास प्राधिकरण को पत्र भेज कर एक सप्ताह तीनों डीपीआर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।