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स्वतंत्रता संग्राम के महानायक शहीद-ए-आजम चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि आज

आजादी के महानायक और सर्वस्व बलिदान देने वाले भारत के लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि आज है आज का दिन संघर्ष और बलिदान के लिए याद किया जाता है इसीलिए आज के दिन को बलिदान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, 27 फरवरी, 1931 को इलाहबाद में शहीद हुए थे। आज चंद्रशेखर आजाद का बलिदान दिवस है। आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नाम के एक गांव में हुआ। अब भाबरा चंद्रशेखर आजाद नगर बन चुका है और आलीराजपुर जिले की सीमा में आता है। स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर हम आपको उनके एक फोटो की पीछे की कहानी बता रहे हैं। आजाद के जीवित अवस्था के आमतौर पर उपलब्ध दो फोटो है, जिनमें से एक में वो अपनी मूंछों पर ताव देते नजर आते हैं, तो दूसरे में सामने देखते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल इस सामने देखने वाले फोटो को एक दूसरे फोटो से बनाया गया था।A photo of Azad was taken from the photo with aunt with the help of a box camera. | बुआ के साथ वाले फोटो से बॉक्स कैमरे की मदद से खींची थी

ये फोटो उस वक्त के मशहूर फोटोग्राफर दिवंगत आनंदीलाल पारीक ने बॉक्स कैमरे से फोटो से फोटो खींचकर बनाया था। इसके लिए मुंबई से प्लेट मंगवाकर कम्पोज किया गया था। आनंदीलाल पारीक के बेटे कृष्णा ने बताया कि वर्ष 1958 में भाबरा में आजाद का अस्थिकलश लाया गया था, तब उनके सिंगल फोटो की जरूरत पड़ी। इसके लिए आनंदीलाल पारीक को झाबुआ से बुलवाया गया।शहीद चन्द्रशेखर आजाद ने देश के लिए जान देकर लिखी वीरता की एक नई परिभाषा -  shaheed chandrasekhar azad
फोटोग्राफर पारीक को चंद्रशेखर आजाद के परिवार के लोगों ने एक फोटो दिया। उस फोटो में वो एक खाट पर अपनी बुआ के साथ बैठे हैं। इस फोटो में आजाद और उनकी बुआ के अलावा दो बच्चे भी हैं। पारीक ये फोटो लेकर घर आए। तब बिजली भी नहीं थी। लकड़ी से बना बड़ा बॉक्स कैमरा था, जिसमें निगेटिव के तौर पर कांच की प्लेट लगती थी। पारीक ने घर के बाहर धूप में इस फोटो से आजाद का फोटो खींचा और कम्पोज करके प्रिंट तैयार की। ये फोटो धर्मयुग पत्रिका में भी प्रकाशित हो चुका है।चंद्रशेखर आजाद के वास्तविक चित्र Chandrashekhar Azad Original Photo | महाशक्ति

मूछों पर ताव देने वाला फोटो स्टूडियों में खिंचवाया था
चंद्रशेखर आजाद के सामान्यत: चार फोटो देखने को मिलते हैं। इनमें से दो जीवनकाल के हैं और दो उनकी शहादत के बाद इलाहबाद के अल्फ्रेड पार्क के हैं। जीवित अवस्था के जो दो फोटो हैं, उनमें से एक आनंदीलाल पारीक का ग्रुप फोटो से बनाया ये वाला फोटो है और दूसरा फोटो मूंछ पर ताव देते हुए स्टूडियो में खींचा गया था। आजाद के फोटो इसलिए भी कम हैं क्योंकि वे काफी समय तक अपनी पहचान छिपाकर रहे थे।

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