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सहायक शिक्षकों को हाइकोर्ट से झटका, 4हजार फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वालों की बर्खास्तगी को बताया सही

सहायक शिक्षकों को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। आगरा के आंबेडकर विश्वविद्यालय के सत्र 2004 और 2005 की बीएड डिग्री पर नौकरी कर रहे इन शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त करने के प्रदेश सरकार के फैसले को हाइकोर्ट ने सही करार दिया है। कोर्ट ने सहायक शिक्षकों की विशेष अपील खारिज कर दी है। प्रदेश सरकार ने बीएड डिग्री को फर्जी करार देते हुए करीब चार हजार शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी थी और भुगतान किए गए वेतन की वसूली शुरू कर दी थी।UP सहायक शिक्षक भर्तीः मेरिट लिस्ट जारी, उम्मीदवारों को आवंटित किए गए जिले  - results for the post of 69000 assistant teachers published by up  government - AajTak

इसके खिलाफ शिक्षक कोर्ट पहुंच गए थे। एकल पीठ ने सरकार के निर्णय को सही करार दिया। इसे विशेष अपील में चुनौती दी गई। न्यायमूर्ति एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की पीठ ने विशेष अपील पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया।69000 Assistant Teacher Allahabad High Court Decision Latest Updates -  69000 सहायक अध्यापक भर्ती को लेकर हाईकोर्ट का आया बड़ा फैसला, चयन सूची से  बाहर हुए ये अभ्यर्थी, लगा ...

आपको बता दें कि एकल जज ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर इन शिक्षकों की बीएसए द्वारा की गई बर्खास्तगी को सही ठहराया था। एकल जज के इस आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई थी। कहा गया था कि बीएसए का बर्खास्तगी आदेश एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर पारित किया गया है, जो गलत है। यह भी दलील दी गई कि पुलिस रिपोर्ट को शिक्षकों की बर्खास्तगी का आधार नहीं बनाया जा सकता। कहा गया था कि बीएसए ने बर्खास्तगी से पूर्व सेवा नियमावली के कानून का पालन नहीं किया।उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती फिर लटकी, इलाहाबाद हाईकोर्ट  ने लगाई रोक Allahabad High Court prohibits recruitment of 69000 Assistant  Teachers in Uttar Pradesh - News Nation

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जबकि सरकार की तरफ से बहस की गई कि इन शिक्षकों की बर्खास्तगी एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।  हाईकोर्ट ने इस मामले में जांच कर एसआईटी को रिपोर्ट देने को कहा था। बहस यह भी की गई थी कि फर्जी डिग्री या मार्कशीट के आधार पर सेवा में आने वालों की बर्खास्तगी के लिए सेवा नियमों का पालन करना जरूरी नहीं है।

 

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