14 फरवरी को जब शहीदों की बरसी लोग मना रहे तो हमारी जांच एजेंसी इस बात को जानने में लगी थी कि आखिर 300 किलो आरडीएक्स आया कहां से था, खुलासे में यह पता चला की घातक केमिकल को बनाने के लिए अमेज़न जैसी ई-कॉमर्स सर्विस का इस्तेमाल कर मौत का सामान बनाया गया था,
14 फरवरी 2019 को जब देश-दुनिया वैलेंटाइन डे मनाने में व्यस्त थी उसी दिन करीब साढ़े तीन बजे शाम को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 2,500 जवानों को लेकर जा रही 78 बसों के काफिले पर हमला हुआ जिसमें हमारे देश के 40 बहादुर जवान शहीद हो गए। इस हमले में जितना बड़ा धमाका हुआ था उसे लेकर पूरे देश की जेहन में एक ही सवाल था कि आखिर इतना बारूद कहां से आया।
मार्च 2020 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि पुलवामा हमले में बम बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए केमिकल ई-कॉमर्स साइट अमेजन से खरीदे गए थे। एनआईए ने यह जानकारी हमले से जुड़े दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद दी थी।
श्रीनगर के 19 वर्षीय वैज उल इस्लाम और पुलवामा जिले के हकीरपोरा इलाके के 32 वर्षीय मोहम्मद अब्बास राथेर को मार्च 2020 की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले हकीरपोरा इलाके से एक ट्रक ड्राइवर और उसकी बेटी को भी आतंकियों को पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए इस्लाम ने ही पुलिस को बताया कि हमले में इस्तेमाल हुए बम (आईईडी) को बनाने के लिए केमिकल, बैटरी और अन्य जरूरी सामान अमेजन से खरीदे गए थे।
इस्लाम ने यह भी बताया कि उसने ऑनलाइन शॉपिंग जैश ए मोहम्मद के निर्देशों पर की थी। उसने बताया था कि पुलवामा हमले की साजिश के तहत इस्लाम ने ये चीजें ऑनलाइन मंगाकर उन्हें स्वयं जैश आतंकवादियों तक पहुंचाया। एनआईए के अधिकारी ने बताया था कि राठेर भी जैश के लिए काम करता था।
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि इस्लाम ने अमेजन से डिलीवरी लेने के बाद सामान को खुद जैश के आतंकियों को सौंपा था। उन्होंने बताया कि राठेर ने पुलवामा हमले से पहले कई बार जैश के आतंकवादियों, आत्मघाती बम हमलावर आदिल अहमद डार, समीर अहमद डार और पाकिस्तानी कामरान को भी अपने घर में ठहराया था।
इस मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने दो और युवकों को गिरफ्तार किया है। साथ ही एक बड़ा खुलासा किया है। इसके मुताबिक बम बनाने के सामान ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट अमेज़न (Amazon) से खरीदकर मॅंगवाए गए थे। अमेज़न ने इस खरीदारी की डिटेल्स भी साझा की है।
एनआईए ने श्रीनगर के उन्नीस साल के वजीर उल इस्लाम और पुलवामा के रहने वाले मोहम्मद अब्बास राठेर (32) को गिरफ्तार किया है। एकअधिकारी के अनुसार शुरुआती पूछताछ में इस्लाम ने बताया कि उसने आईइडी (IED) विस्फोटक बनाने के लिए अमेजन से केमिकल, बैटरी और अन्य सामान मँगाए थे। ये सामान लेकर वह खुद जैश आतंकियों के पास गया था।
वहीं, मोहम्मद अब्बास राठेर जैश-ए-मोहम्मद का पुराना ओवर ग्राउंड वर्कर है। जब जैश आतंकवादी और आईईडी एक्सपर्ट उमर अप्रैल-मई, 2018 में कश्मीर पहुँचा, तब उसने ही उसे अपने घर में ठहराया था। इसके अलावा उसने इस मामले में शामिल जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों आदिल अहमद डार, समीर अहमद डार और पाकिस्तानी आतंकवादी कामरान को भी कई बार उसने अपने घर में शरण दी थी।
वजीर उल इस्लाम और अब्बास की गिरफ्तारी के बाद पुलवामा आतंकी हमले में गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 5 हो गई है। ज्ञात हो कि पहले गिरफ्तार किए गए लोगों में एक पिता-पुत्र और आत्मघाती बम हमलावर के करीबी शामिल थे। पिछले साल 14 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में बड़ा आतंकी हमला हुआ था। आत्मघाती बम हमलावर आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से भरी कार सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले में घुसा दी थी। हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे।
कुछ ही दिन पहले सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ जिले के मारवा इलाके से हिजबुल मुजाहिदीन के पाँचओवरग्राउंड वर्करों (OGW) को गिरफ्तार किया था। किश्तवाड़ पुलिस को सूचना मिली थी कि मारवा इलाके के रहने वाले गुलाम हुसैन, मोहम्मद यासीन, जाकिर हुसैन, मोहम्मद इकबाल और बशीर अहमद हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों को पनाह देने के साथ उनकी मदद करते थे।