बंगाल चुनाव करीब आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैलियां भी शुरू हो चुकी है ,आज रविवार को यानी 7फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने असम और पश्चिम बंगाल का दौरा किया, पश्चिम बंगाल के हल्दिया में प्रधानमंत्री मोदी ने जोरदार हमला बोलते हुए ममता सरकार को कटघरे में खड़ा किया और राज्य के लोगों का दोषी बताते हुए भ्रष्टाचार को अहम मुद्दा बताया रामराज का कार्ड खेलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल की जनता को हिंदू और हिंदुत्व का संदेश देकर चुनाव को मोड़ने की भरपूर कोशिश की है,
यहां रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल फुटबॉल से प्यार करने वाला राज्य है, इसलिए मैं फुटबॉल की भाषा में कहना चाहता हूं कि TMC ने कई फाउल कर लिए हैं। बंगाल के लोग सब देख रहे हैं। इसीलिए बंगाल के लोग जल्द ही TMC को राम कार्ड दिखाने वाले हैं। बुआ और भतीजावाद को खत्म करने का मन आप लोग बना चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने हल्दिया में LPG इम्पोर्ट टर्मिनल की शुरुआत की। इसकी अनुमानित लागत 1100 करोड़ रुपए बताई जा रही है। वहीं, उन्होंने डोभी-दुर्गापुर नेचुरल गैस पाइपलाइन और फ्लाईओवर की भी शुरुआत की।
लेफ्ट, TMC और कांग्रेस पर्दे के पीछे मैच फिक्सिंग कर रहे हैं। ये दिल्ली में एक साथ बैठकर रणनीति बनाते हैं और हमारे सामने एक-दूसरे से लड़ने का सिर्फ दिखावा करते हैं। इनको वोट देने का मतलब है कि परदे के पीछे चल रहे खेल का शिकार हो जाना। इसलिए हमें सतर्क रहना है और दूसरों को भी सावधान करना है।
पश्चिम बंगाल गुलामी के दौर में अन्य राज्यों से काफी आगे था। बंगाल में हर इंफ्रास्ट्रक्चर था, नौकरियों के तमाम अवसर थे। बंगाल के लोगों को जो इज्जत आज मिलती है, उसकी वजह वो कालखंड ही है जिसने देश का मार्गदर्शन किया है। आखिर क्यों बंगाल विकास की उस गति को बरकरार नहीं रख पाया। ऐसा क्या हो गया कि अन्य राज्यों के बंदरगाह व्यापार का केंद्र बनते गए और पश्चिम बंगाल पीछे रह गया।
पश्चिम बंगाल के आज के हालात का सबसे बड़ा कारण है यहां की राजनीति। यहां विकास वाली राजनीति नहीं हो पाई। पहले कांग्रेस ने शासन किया, तो भ्रष्टाचार का बोलाबाला रहा। लेफ्ट के शासनकाल में भ्रष्टाचार और अत्याचार का बोलबाला हुआ और विकास ठप पड़ गया। जिसके बाद ममता ने परिवर्तन का वादा किया, लोगों ने भरोसा किया। इसके बाद भी उन्हें सिर्फ धोखा मिला।
बंगाल के लोगों की ममता की अपेक्षा थी, लेकिन वह निर्ममता का शिकार हो गया। 10 साल के शासनकाल में यह साफ हो गया कि ये कोई परिवर्तन नहीं बल्कि लेफ्ट का पुनर्जीवन ही है। इससे पश्चिम बंगाल में गरीबी का दायरा बढ़ता गया, उद्योगों में ताले लगते गए। पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत को बदनाम करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश रची जा रही है। चाय और योग जैसी चीजों पर हमला किया जा रहा है, लेकिन क्या आपने दीदी के मुंह से इन साजिशों के खिलाफ एक भी शब्द सुना है।
पूरा देश देख रहा है कि किसानों के नाम पर कौन राजनीतिक रोटी सेंक रहा है और कौन किसानों की स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। मैं आज यहां घोषणा करने आया हूं कि यहां चुनाव के बाद भाजपा सरकार बनने पर पहली कैबिनेट मीटिंग में केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे किसानों के लाभकारी योजनाओं को तेज करने का फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही अब तक के रुके हुए फंड को भी किसानों को दिया जाएगा।
इससे पहले सोनितपुर के ढेकियाजुली में मोदी ने असम माला हाईवे प्रोजेक्ट की शुरुआत की। विश्वनाथ और चराइदेव में एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की आधारशिला भी रखी। इस प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत 1100 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है।
सोनितपुर में एक रैली में उन्होंने कहा कि देश में सवेरा पूर्वोत्तर से ही होता है, लेकिन विकास के सवेरे के लिए पूर्वोत्तर को लंबा इंतजार करना पड़ा।
शहीदों के शौर्य की साक्षी सोनितपुर की ये धरती, असम का अतीत बार-बार मेरे मन को असमिया गौरव से भर देता है। हिंसा, अभाव, तनाव, भेदभाव, पक्षपात, संघर्ष जैसी बातों को पीछे छोड़कर पूरा नॉर्थ-ईस्ट विकास की राह पर बढ़ रहा है। असम इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
असम के दूरदराज इलाकों में अच्छे हॉस्पिटल सपना होते थे। अच्छे अस्पतालों का मतलब घंटों की यात्रा और अनगिनत कठिनाइयां थीं। लोगों को यही चिंता सताती थी कि कोई मेडिकल इमरजेंसी न आ जाए। ये समस्याएं तेजी से समाधान की ओर बढ़ रही हैं। आप इस फर्क को आसानी से देख और महसूस कर सकते हैं। आजादी के बाद 7 दशकों में यानी 2016 तक असम में केवल 6 मेडिकल कॉलेज होते थे।
बीते 5 साल में असम में 6 और मेडिकल कॉलेज बनाने का काम शुरू किया जा चुका है। चुनाव के बाद जब नई सरकार बनेगी तो मैं वादा करता हूं कि असम में भी एक मेडिकल कॉलेज और एक टेक्निकल कॉलेज स्थानीय भाषा में शुरू किया जाएगा। गुवाहाटी में भी एम्स होगा। गुवाहाटी असम ही नहीं, पूरे पूर्वोत्तर की जिंदगी बदलने में अहम भूमिका निभाएगा।
वो लोग पूर्वोत्तर से इतना दूर थे कि आपकी तकलीफें कभी समझ ही नहीं पाए। आज केंद्र द्वारा असम के विकास के लिए पूरे निष्ठा से काम किया जा रहा है। असम भी देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बढ़ रहा है। जो बदलाव देश देख रहा है, वही असम में भी दिख रहे हैं। असम में आयुष्मान योजना का लाभ सवा करोड़ गरीबों को मिल रहा है।
असम की खुशहाली और यहां की प्रगति का बहुत बड़ा केंद्र असम के चाय बागान भी हैं। बजट में चाय बागान में काम करने वाले भाइयों-बहनों के लिए एक हजार करोड़ रुपए की विशेष योजना की घोषणा की गई है। देश को बदनाम करने के लिए साजिश रचने वाले इस स्तर तक पहुंच गए हैं कि भारत के चाय को भी नहीं छोड़ रहे। साजिश करने वाले कह रहे हैं कि भारत की चाय की छवि को बदनाम किया जा रहा है। क्या आपको ये हमला मंजूर है। इस हमले के बाद चुप रहने वाले लोग मंजूर हैं आपको? जो चुप बैठे हैं, उन सभी राजनीतिक दलों से असम का हर आदमी, हर चाय पीने वाला हिंदुस्तानी जवाब मांगेगा।
बीते 16 दिन में मोदी दूसरी बार असम और बंगाल पहुंचे। इससे पहले वे 23 जनवरी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर दोनों राज्य गए थे। बंगाल में अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं। भाजपा इस चुनाव में पूरा जोर लगा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को ही राज्य में परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की थी। गृह मंत्री अमित शाह भी 11 फरवरी को बंगाल जाने वाले हैं।