अक्सर बजरंग दल को भारतीय संस्कृति में धर्म की रक्षा के लिए प्रचार प्रसार के लिए जाना जाता है !लेकिन अगर उस दल का ही कार्यकर्ता खुद व्यापारी बंद बन जाए तो क्या कहा जाए , दरअसल जहां गाय बचाने की मुहिम में बजरंग दल पिछले एक दशक में सबसे आगे रहा ,वही गाय बचाने की आड़ में बजरंग दल के सदस्यों ने इसे धंधा बना लिया है !और पशुओं को कत्लखाने तक पहुंचाने की व्यवस्था भी कर दी है! इस सिलसिले में कर्नाटक के एक बजरंग दल के पूर्व कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया है जो आवारा पशुओं को क़त्ल खानों तक ले जाता था इस व्यापार में लंबे समय से जुड़ा हुआ अनिल प्रभु और मोहम्मद यासीन को गिरफ्तार कर लिया गया है!
उसके एक पूर्व कार्यकर्ता को लेकर कर्नाटक राज्य से एक खबर आ रही है. बजरंगदल के कार्यकर्ता रहे अनिल प्रभु को कर्नाटक राज्य की उडुपी पुलिस ने पशुओं की अवैध तस्करी करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है.
बताया जा रहा है कि अनिल प्रभु पशुओं की अवैध तस्करी करता था. ये बात पुलिस को तब पता चली जब पुलिस ने इसी जुर्म में मोहम्मद यासीन नाम के एक आदमी को पकड़ा था.
उडुपी पुलिस के अनुसार यासीन ने ही पुलिस को अनिल प्रभु के बारे में बताया. अनिल प्रभु और मुहम्मद यासीन दोनों ही आवारा पशुओं को पकड़कर कत्लखानों के व्यापारियों को बेच दिया करते थे.
दोनों आरोपियों में से एक यासीन उडुपी के ही ‘हुडको सिटी’ का रहने वाला है. इस मामले पर बजरंग दल ने कहा है कि अब अनिल प्रभु का बजरंग दल से कोई संबंध नहीं है.
आपको बता दें कि अनिल प्रभु उडुपी जिले के करकला तालुक में बजरंग दल के एक पद पर काम किया करता था. फिलहाल पुलिस ने अनिल को ज्युडिशियल कस्टडी में भेज दिया है!