भाजपा की ओर से जारी पोस्टर बॉय जिन्होंने पूरे देश में यह बताने का कार्य किया की किसान खुश हैं ,किसान बिल समझ में नहीं आ रहा है किसानों को , और देश तरक्की कर रहा है , जैसे तमाम बातों को देश के सामने रखने वाले पोस्टर बॉय कोई और नहीं पंजाब के हरप्रीत सिंह हैं ! वह पेशे से किसान और एक्टर हैं ! बहुत पुरानी एक तस्वीर को भाजपा ने बिना उनको बताएं या इजाजत के अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया , अब इन बातों को लेकर हरप्रीत सिंह ने लीगल नोटिस भेजने की तैयारी कर दी है ! हरप्रीत ने कहा कि देश को गुमराह करने वाली भाजपा कि सरकार ने मुझे पोस्टर बॉय बनाकर पूरे देश में लोगों को यह बताने का काम किया कि किसान बहुत खुश हैं ! किसानों को कोई परेशानी नहीं है और किसानों के समझ से बाहर यह बिल है ! लेकिन दरअसल ऐसा कुछ है ही नहीं , भाजपा ने मेरे फोटो का गलत इस्तेमाल करके देश में लोगों के बीच भ्रम फैलाने का कार्य किया है !अगर मैं खुश होता तो आज सिंधु बॉर्डर पर अनशन में क्यों बैठा होता , अगर मैं खुश होता तो 22 दिन अपने कामों को छोड़ कर के यहां क्यों बैठता, भाजपा ने सिर्फ गुमराह करने का कार्य किया है ! मैं इसके लिए सरकार को नोटिस भेजूंगा उन्होंने बिना मुझसे पूछे मेरी तस्वीर क्यों लगाई ! उनका कहना है कि ये तस्वीर उन्होंने 6-7 साल पहले सोशल मीडिया पर डाली थी. उन्हें कल शाम एक दोस्त ने वॉट्सऐप कर बताया कि विज्ञापन में उनकी तस्वीर लगी है, जबकि तस्वीर लगाने के पहले उनकी इजाज़त नहीं ली गई. अब उन्हें लोग फोन कर बीजेपी का पोस्टर बॉय बता रहे हैं. वहीं वो कह रहे हैं कि वो बीजेपी के नहीं बल्कि किसानों के पोस्टर बॉय हैं.
लगभग 35 साल के हरप्रीत का कहना है कि वो पिछले दो हफ्तों से सिंघू बॉर्डर पर बैठे हैं. उन्होंने बीजेपी के ऐड और अपनी ओरिजिनल तस्वीर के साथ बीजेपी को लीगल नोटिस भेजने का फैसला किया है.
इस ऐड में पार्टी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उठी शंकाओं को दूर करने की कोशिश की है. यह ऐड बीजेपी की पंजाब यूनिट ने सोमवार को अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया था. फसल खरीद पर डेटा दे रहे इस ऐड के एक कोने में एक पंजाबी किसान को हल लेकर खड़ा हुआ दिखाया गया है.
फोटो में हरप्रीत सिंह हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने यह फोटो लगभग सात साल पहले खिंचाई थी और इसे बीजेपी ने बिना उनकी अनुमति के उनके सोशल मीडिया पेज से उठाया है.
हरप्रीत सिंह ने बताया कि वो दो हफ्तों से सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां 26 नवंबर से ही किसान कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं!