किसान और केंद्र सरकार के बीच बात बनती है नजर नहीं आ रही है जहां अपनी मांगों को लेकर किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं वही लगातार सरकार की कोशिश है कि किसानों से रास्ता खाली कराया जाए बातचीत का एक माध्यम बन बॉर्डर को खाली कराने की कोशिश में सरकार और सफल दिख रही है क्योंकि किसान सर्क सरकार की बात पर तैयार नहीं है वह पूरी तरीके से इस कानून को रद्द कराने की मांग पर अड़े हुए हैं अभी तक हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश सहित जिस प्रकार पूरे देश से किसानों के समर्थन में अनेक संगठन आ रहे हैं उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि किसानों का प्रदर्शन अभी बहुत बड़ा और उग्र होने जा रहा है किसान पूरी तरीके से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं जहां सरकार के लिए यह बात सर दर्द भरा हुआ है वहीं किसानों के लिए यह सबसे बड़ा चिंता का कारण है कि बढ़ती ठंड और करो ना कहीं प्रभावित न कर दें इसके बीच भी अनेक संगठन किसानों के लिए आगे आए हुए हैं ! केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बीते दिन जो बातचीत हुई, उसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. इस वजह से किसानों ने कहा है कि उनका आंदोलन तबतक जारी रहेगा, जबतक कि ये कानून वापस नहीं हो जाते हैं.
किसानों ने अपनी मांगें मानने तक आंदोलन से पीछे हटने से इनकार कर दिया है. यानी सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत अन्य जगह जो किसानों का जमावड़ा है वो लगातार जारी रहेगा. इतना ही नहीं पंजाब और हरियाणा के किसानों ने अधिक संख्या में दिल्ली कूच की बात कही है. यानी आने वाले दिनों में किसानों की संख्या बढ़ सकती है. यूपी सीमा पर तैनात किसान पहले ही अस्थाई घर बनाने की बात कह चुके हैं.
करीब 35 किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच मंगलवार को बैठक हुई. इसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल समेत अन्य नेता शामिल रहे. किसानों को MSP पर प्रेजेंटेशन दी गई, साथ ही मंडी सिस्टम को लेकर जानकारी दी गई. हालांकि, किसानों का एक ही सवाल रहा कि क्या सरकार MSP को कानून का हिस्सा बनाएगी. जब बातचीत खत्म हुई तो कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. तीन घंटे की चर्चा के बाद किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा, वहीं सरकार ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रही है, तीन दिसंबर को फिर से चर्चा होगी.
सरकार के साथ किसी ठोस नतीजे पर किसान नहीं पहुंच पाए हैं, ऐसे में अब आंदोलन को धार मिल सकती है. पंजाब-हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली कूच करेंगे. जिसको देखते हुए दिल्ली पुलिस मुस्तैद हो गई है, पुलिस ने सीमाओं पर पहले ही सुरक्षा बढ़ाई हुई है जिसे और भी मजबूत किया जा रहा है. सीमाओं पर वाहनों की जांच में सख्ती बरती जा रही है, ताकि किसान किसी तरह राजधानी में ना घुस पाएं.
किसानों ने सड़कों पर डेरा जमाया हुआ है तो साफ है कि जाम की स्थिति बरकरार है. दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद, मेरठ के इलाकों में बीते कई दिनों से हर रोज लंबा जाम लग रहा है. बुधवार को भी नोएडा लिंक रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. नोएडा लिंक रोड की बजाए नोएडा जाने के लिए एनएच-24 और डीएनडी का इस्तेमाल किया जा सकता है.
दिल्ली पुलिस की ताजा एडवाइजरी के मुताबिक, टिकरी, झारोदा, झटीकरा बॉर्डर को भी बंद कर दिया गया है. दिल्ली से हरियाणा में धनसा, दौराला, कापसहेड़ा, राजोकरी एनएच-8, बिजवासन/बाजघेरा, पालम विहार और दुंदाहेरा बॉर्डर से जाया जा सकता है. इसके अलावा सिंधु बॉर्डर भी बंद है. लामपुर, औचंडी समेत कई छोटे बॉर्डर को भी बंद कर दिया गया है. सिंधु बॉर्डर के ट्रैफिक को मुकरबा चौके और जीटीके रोड की ओर डायवर्ट किया गया