हैदराबाद में होने वाले नगर निकाय चुनाव पूरे चरम पर है जहां तमाम पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं 150 सीटों पर होने वाले यह नगर निकाय चुनाव में बीजेपी ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राज्य में चुनावी सरगर्मी को बढ़ा दिया है और अपने तीखे तेवरों और बयानों की बदौलत जाने जाने वाले योगी आदित्यनाथ ने ओवैसी के गढ़ में बड़ी हुंकार भर कर कहा कि मैं भाग्यनगर बनाकर हैदराबाद को विकास की नई बुलंदियों पर ले जाना चाहता हूं गौरतलब है कि हैदराबाद में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के हैदराबाद दौरे के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राज्य के मल्काजगीरी में रोड शो किया. योगी ने रोड शो के दौरान कहा कि ” हम सबको यह तय करना है कि एक परिवार और मित्र मंडली को लूट खसोट की आजादी देनी है या फिर हैदराबाद को भाग्यनगर बनाकर विकास की नई बुलंदियों पर ले जाना है. मित्रों ये आपको तय करना है.”
उन्होंने कहा कि ”मैं जानता हूं कि यहां कि सरकार एक तरफ जनता के साथ लूट खसोट कर रही हो तो वहीं, AIMIM के बहकावे में आकर बीजेपी कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रही है.” उन्होंने कहा कि इन लोगों के खिलाफ नई लड़ाई लड़ने के लिए आप लोगों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए भगवान श्री राम की धरती से मैं स्वंय यहां आया हूं.”
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे के बाद शनिवार को योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे हैं. राज्य में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी दौरा होना है. बीजेपी पूरी ताकत के साथ निकय चुनाव में मैदान में उतरी है. 150 सीटों वाले ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के लिए बीजेपी ने पूरा दम लगा रखा है, वहां पहले से ही तेजस्वी सूर्या प्रचार की कमान संभाले हुए हैं.
सीएम योगी के दौरे से पहले AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी भाजपा पर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा था, ओवैसी ने कहा कि अगर बीजेपी सर्जिकल स्ट्राइक करेगी तो एक दिसंबर को वोटर्स डेमोक्रेटिक स्ट्राइक करेंगे. वहीं, अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ना योगी से डरेंगे ना चाय वाले से, जितना इस मुल्क पर मोदी का हक है, उतना ही अकबरुद्दीन का हक है.
हैदराबाद निकाय चुनाव में चार प्रमुख पार्टियां हिस्सा ले रही हैं, टीआरएस, कांग्रेस,AIMIM और बीजेपी, मगर असली जंग बीजेपी और AIMIM के बीच ही दिख रही है. अब सवाल उठता है कि बिहार में AIMIM एऩडीए गठबंधन का स्पीकर चुनने में सहयोग देती है तो फिर यहां तल्खी क्यों हैं?
दरअसल, बीजेपी को लगता है कि कर्नाटक के बाद तेलंगाना ही वो राज्य है, जहां वो अपनी पैठ बना सकती है.यहां कांग्रेस कमजोर है, चंद्रबाबू नायडू से लोग खफा हैं, टीआरएस मजबूत जरूर है,लेकिन अगर बीजेपी ओवैसी को उन्हीं के गढ़ में मात देने में सफल होती है तो विधानसभा चुनावों के लिए उसकी ताकत और बढ़ेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि निकाय चुनावों में बीजेपी का दम असल में विधानसभा चुनावों की आगामी तैयारी है.