उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में प्रताड़ना के चलते आईटीआई के छात्र ने फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली. छात्र के मानसिक उत्पीड़न के चलते हुई मौत की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में सीओ तथा कोतवाल भारी फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. घटना के कारणों की छानबीन को लेकर घंटों मशक्कत करते दिखे. पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक, लालगंज कोतवाली के बेलहा गांव में जोखू लाल वर्मा के 20 वर्षीय पुत्र धीरेन्द्र प्रतापगढ़ में आईटीआई का छात्र था. शनिवार को छुट्टी में गांव गया था और शाम धीरेन्द्र दूसरी मंजिल के एक कमरे में गया और कमरा बंद कर फंदे से झूल गया. दोपहर उसकी मां गुड्डी खेत से लौटी तो धीरू को खाना देने छत पर गई. मां के आवाज देने पर भी कमरे के अंदर से कोई आवाज नहीं आई. इसके बाद मां ने कमरे को खटखटाया तो भी अंदर से कोई आवाज न मिलने पर वह अनहोनी की आशंका में कांप उठी.
मृतक की मां ने कमरे में लगे रोशनदान से झांका तो अंदर का नजारा देख उसकी चीख निकल गई. गुड्डी का चीख सुन परिजन भी छत पर पहुंच गए. परिवार के लोगों की चीख-पुकार पर गांव के लोग भी बड़ी तादाद में जोखू शर्मा के घर जुट गए.
पुलिस को मृतक छात्र के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है. सुसाइड नोट में मृतक छात्र ने आत्महत्या के लिए गांव के ही हीरा सिंह और उसके साले, भीषम सिंह को लगातार प्रताड़ना के चलते जवाबदेह बताया है.
सुसाइड नोट में मृतक छात्र ने पिता के नाम भावनात्मक पत्र में कहा है कि वह कायर नहीं है मगर आरोपितों के उत्पीड़न के चलते वह आत्महत्या कर रहा है, …. सॉरी पापा. वहीं पिता जोखू लाल शर्मा आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं.
वहीं, मामले की जानकारी होते ही सीओ जगमोहन तथा कोतवाल संजय यादव और दारोगा सुनील राय भारी फोर्स के साथ मृतक के घर पहुंचे. सीओ तथा कोतवाल ने सुसाइड नोट कब्जे में लेते हुए परिजनों तथा ग्रामीणों से घटना के कारणों को लेकर घंटों पूछताछ की. सीओ जगमोहन ने बताया कि तहरीर के आधार पर जांच के बाद कार्यवाही होगी. फिलहाल मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.