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72 साल में कांग्रेस निचले पायदान पर’
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पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि यह सोचने का विषय है
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के गिरते प्रदर्शन है पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की चिंता को बढ़ा दिया है खत्म होने की स्थिति में पहुंची कांग्रेस लगातार हर चुनाव में हार का सामना कर रही है जमीनी स्तर पर खत्म होती पकड़ ने कांग्रेस के दिग्गजों को चिंता में डाल रखा है हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव मध्य प्रदेश चुनाव कर्नाटक सहित अन्य राज्यों के उपचुनाव में कांग्रेस की निराशाजनक प्रदर्शन पर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि यह सोचने का विषय है चिंतन का विषय है और चिंतन की बात यही है कि देश की सबसे बड़ी पुरानी पार्टी आज हर राज्य से खत्म होने के कगार पर आ गई है
हम सभी हार को लेकर चिंतित हैं, खासकर बिहार और उपचुनाव परिणामों के बारे में. मैं हार के लिए नेतृत्व को दोष नहीं देता. पार्टी से जुड़े हमारे लोगों का जमीनी स्तर पर संपर्क खत्म हो गया है. लोगों का पार्टी से प्यार होना चाहिए. पिछले 72 सालों में कांग्रेस सबसे निचले पायदान पर है.’
Polls aren't worn by 5-star culture. Problem with leaders today is if they get a party ticket, they first book a 5-star hotel. They won't go if there's a rough road. Till the time 5-star culture is given up, one can't win elections: Congress leader Ghulam Nabi Azad https://t.co/ZztM1gJMor pic.twitter.com/HggaZNu3dZ
— ANI (@ANI) November 22, 2020
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ साक्षात्कार में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चुनाव पांच सितारा संस्कृति से नहीं जीते जाते हैं. आज के नेताओं के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर उन्हें पार्टी का टिकट मिलता है, तो वे पहले पांच सितारा होटल बुक कराते हैं. यदि कोई उबड़-खाबड़ सड़क है तो वे उस पर नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि अब पांच सितारा संस्कृति को छोड़ने का वक्त आ गया है. जब तक इसे नहीं छोड़ेंगे तब तक कोई चुनाव नहीं जीता जा सकता.
पार्टी के पदाधिकारियों पर बरसते हुए आजाद ने कहा कि पार्टी के पदाधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. जब तक उन्हें पदाधिकारी नियुक्त नहीं किया जाता, तब तक वे कहीं नहीं जाएंगे, लेकिन अगर सभी पदाधिकारी चुने जाते हैं, तो वे अपनी जिम्मेदारी समझेंगे. अब वक्त है कि हर किसी को पार्टी में पद दिया जाए.
72 साल में कांग्रेस निचले पायदान पर’
कांग्रेस की वर्तमान हालात पर बोलते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले 72 सालों में कांग्रेस सबसे निचले पायदान पर है. कांग्रेस के पास पिछले दो कार्यकाल के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद भी नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने लद्दाख हिल काउंसिल चुनावों में 9 सीटें जीतीं, जबकि हम इस तरह के सकारात्मक परिणाम की उम्मीद नहीं कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि जब तक हम हर स्तर पर अपने कामकाज के तरीके को नहीं बदलेंगे, चीजें नहीं बदलेंगी. नेतृत्व को पार्टी कार्यकर्ताओं को एक कार्यक्रम देने और पदों के लिए चुनाव कराने की आवश्यकता है. गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘मैं कोरोना महामारी के कारण गांधी परिवार को क्लीन चिट दे रहा हूं क्योंकि वे अभी बहुत कुछ नहीं कर सकते. हमारी मांगों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. वे हमारी अधिकांश मांगों पर सहमत हो गए हैं. यदि वे राष्ट्रीय विकल्प बनना चाहते हैं और पार्टी को पुनर्जीवित करना चाहते हैं तो हमारे नेतृत्व को चुनाव कराना चाहिए.
इस बीच गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता लमान खुर्शीद ने एक इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस में अपनी बात कहने के पर्याप्त फोरम हैं और भीतर की बात बाहर करने से पार्टी आहत हुई है. खुर्शीद का यह बयान तब आया है, जब बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल सहित कई अन्य नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं. एक समाचार एजेंसी के साथ इंटरव्यू में खुर्शीद ने कहा, ‘नेतृत्व मेरी बात सुनता है, मुझे इसका अवसर मिलता है, उन्हें (मीडिया में आलोचना करने वालों को) को मौका दिया जाता है, इसमें यह बात कहां से आ गई है कि नेतृत्व उन्हें सुन नहीं रहा है.’
बिहार विधानसभा चुनाव और कई राज्यों में हुए उपचुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर कपिल सिब्बल और एक अन्य वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि वह उनकी बातों से असहमत नहीं हैं, लेकिन किसी को मीडिया में जाकर यह नगाड़ा पीटने की क्या जरूरत है कि ‘हमें क्या करने की आवश्यकता है?’.