पूरे देश में उगते सूर्य को अर्घ देकर आस्था का महापर्व छठ पूजा का समापन हो गया , कोरोना पर आस्था भारी पड़ा, कोरोना संक्रमण के बीच भी हजारों की भीड़ घाटों पर दिखाई दी , बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख जगह पर गंगा के किनारों पर भारी भीड़ दिखाई दी , पटना रांची वाराणसी गोरखपुर बक्सर सहित तमाम हिंदी भाषी राज्यों के घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ा बेखबर इन बातों से की कोरोना का संक्रमण भी व्याप्त है!
कुछ ऐसा ही नजारा वाराणसी में गंगा नदी के किनारे पूजा कर रहे श्रद्धालुओं के बीच देखने को मिला. हालांकि, इस दौरान कई लोगों ने घर में रहना बेहतर समझा और अस्थायी तौर पर बनाए गए घाटों से उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. कोरोनावायरस को रोकने के लिए लागू प्रतिबंधों के बीच दिल्ली, मुंबई समेत अन्य बड़े शहरों में भी लोगों ने छठ पूजा संपन्न की. कोरोना के समय में लोग छठ भी अलग ढंग से मनाने को मजबूर हैं. शुक्रवार को बनारस में लोगों ने अपनी छतों से ही छठ मनाई. लोग अपने घर की छतों पर खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते नजर आए.
Bihar: Devotees offer 'Usha Arghya' to the rising sun at Patna College Ghat on the last day of #ChhathPuja today. pic.twitter.com/q6zLXn6r0I
Advertisement— ANI (@ANI) November 21, 2020
हालांकि, कोरोनावायरस का असर छठ पूजा पर भी देखने को मिला है. कई लोग मीलों चलकर पटना में गंगाघाट पर छठ करने पहुंचे थे, लेकिन बाकी साल के मुकाबले इस बार वहां लोगों की संख्या कम थी. बिहार और पूर्वांचल में छठ पूजा का बहुत महत्व है और इसे पूरे उत्साह तथा स्वच्छता के साथ मनाया जाता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक आवास पर ‘अस्ताचलगामी सूर्य’ को अर्घ्य दिया. 15 साल पहले मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद से नीतीश अर्घ्य देने की परंपरा निभा रहे हैं. हर साल स्टीमर पर सवार होकर गंगा घाट जाने और वहां व्रतियों से मिलने वाले नीतीश इस साल अपने घर पर ही हैं और मास्क लगाकर पूजा की.