बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) के रिजल्ट के बाद अब जोड़-तोड़ की सियासत शुरू हो गई है। इस बीच महागठबंधन से अलग होकर झटका देने वाले जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने एक बार फिर महागठबंधन की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मांझी ने राजनीतिक गलियारे में चल रही तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया है कि वे मरते दम तक नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ बने रहेंगे। कहा है कि उन्हें दूसरे दलों से बुलावा आ रहा है, लेकिन वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में ही रहेंगे। विदित हो कि इसके पहले जीतन राम मांझी ने कहा था कि वे मुख्यमंत्री (CM) रह चुके हैं, इसलिए नई सरकार में मंत्री नहीं बनेंगे|
हिदुस्तानी आवाम मोर्चा ने चुनाव के पहले महागठबंधन से रिश्ते तोड़ जनजा दल यूनाइटेड के साथ आगे की पारी की शुरुआत की थी। जेडीयू ने अपने कोटे से उसे विधानसभा की सात सीटें दी। मांझी समेत उनकी पार्टी ने सात में चार प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कराई। इधर महागठबंधन कुर्सी की दौड़ में एनडीए से काफी पीछे रह गया।
चुनावी दौड़ में पीछे रहने के बाद महागठबंधन ने दांव चला और कोशिश में जुट गया कि मांझी किसी तरह उनके पाले में आ जाएं। पिछले 24 घंटे से राजनीतिक गलियारे में ऐसी चर्चा चल रही थी कि मांझी नीतीश को छोड़ सकते हैं। पर ऐसे तमाम कयासों के बीच अब मांझी ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि वे नीतीश कुमार का साथ किसी भी हाल में नहीं छोड़ सकते हैं। मांझी के निर्देश पर ‘हम’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने शुक्रवार को कहा कि राजनीति के गलियारे में जो चर्चाएं चल रही हैं, उनका कोई आधार नहीं है। जीतन राम मांझी ने साफ कहा है कि उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कराई। अब पार्टी अंत समय तक नीतीश कुमार के साथ रहेगी।