नोटबंदी के चार साल पुरे होने पर देश मे हर जगह विपक्ष नोटबंदी और उससे गिरती अर्थव्यवस्था पर सरकार को घेरने पर लगा है जगह-जगह कार्यक्रमों के माध्यम से लोगो के ये बताया जा रहा है की असल मे नोटबंदी से अर्थव्यवस्था के हालात कितने खराब हुए , कांग्रेस, आप सहीत तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता आज के दिन को भुनाने मे लगे है ! आठ नवंबर का दिन देश की अर्थव्यवस्था के इतिहास में एक खास दिन के तौर पर दर्ज है। यही वह दिन है जब चार बरस पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रात आठ बजे दूरदर्शन के जरिए देश को संबोधित करते हुए 500 और 1000 के नोट बंद करने का ऐलान किया। नोटबंदी की यह घोषणा उसी दिन आधी रात से लागू हो गई। इससे कुछ दिन देश में अफरातफरी का माहौल रहा और बैंकों के बाहर लंबी कतारें लगी रहीं। बाद में 500 और 2000 के नये नोट जारी किए गए।कांग्रेस के पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर बताया की देश मे हर जगह से मुख्यालयों पर 8नवंबर को विश्ववासघात दिवस मनाया जाएगा
Continuing with our ‘SpeakUp’ campaign, tomorrow @INCIndia will also run a massive online campaign, #SpeakUpAgainstDeMoDisaster to reach the masses highlighting the suffering caused by the demonetization.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) November 7, 2020
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वही आम आदमी पार्टी के बिहार प्रदेश के उपाध्यक्ष अमीत सिंह ने मिडीया से मुखातिब होते हुए कहाँ की नोटबंदी से मोदी जी ने सिर्फ अमीरों का फायदा कराया , गरीबों को मारने का काम किया हैं, जितने भी कालेधन की पोटली भरी थी मोदी जी के खजाने वो सफेद हो गयी, यही नही प्रधानमंत्री जी सहीत उनके तमाम करीबीयों को पता था की नोटबंदी होगी, देश एक बहुत बडी़ पिडा से गुजरा है नोटबंदी ने कितनो की जान ली तो कितनो को सडक पर ला दिया ये दिन देश कभी भूल नही सकता देश के साथ किये गये धोखा को देश की जनता कभी न भूलेगी न प्रधानमंत्री जी को माफ करेगी
सरकार ने ऐलान किया कि उसने देश में मौजूद काले धन और नकली मुद्रा की समस्या को समाप्त करने के लिए यह कदम उठाया है। देश में इससे पहले 16 जनवरी 1978 को जनता पार्टी की गठबंधन सरकार ने भी इन्हीं कारणों से 1000, 5000 और 10,000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में कालेधन को रोकने के लिए 2016 में नोटबंदी लेकर आए थे लेकिन गुजरात के सूरत में कालेधन वालों ने अपने काले धन को सफेद कर लिया, यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि पूर्व आयकर अधिकारी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता पीवीएस शर्मा ने लगाए हैं. उनका दावा है कि अकेले सूरत में 2 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था.
पीवीएस शर्मा ने ट्वीट के जरिए नोटबंदी के समय बैंक में करोड़ों रुपये नगद जमा कराने और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए पैसे बनाने के आरोप कुछ स्थानीय ज्वैलर्स पर लगाए हैं. पीवीएस शर्मा ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूरे मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग भी की है. इस मामले में उन्होंने आयकर अधिकारी, बिल्डर्स, सीए और ज्वैलर्स पर आरोप लगाए हैं.