1996 के बाद पहली बार मनाली में अप्रैल माह में बर्फबारी हुई है। लाहौल समेत कुल्लू घाटी में बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के साथ कुल्लू में चार दिनों से मौसम का कहर जारी है। रोहतांग दर्रा के साथ अटल टनल रोहतांग तथा हाईवे 305 पर भारी बर्फबारी होने से जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है।
रोहतांग में 140, बारालाचा में 160, कुंजुम दर्रा में 100 सेंमी बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है। भारी बर्फबारी ने बीआरओ की चिंता को बढ़ा दिया है।
लाहौल और कुल्लू में 100 से अधिक सड़कों पर यातायात अवरूद्ध हो गया है। सेब की फसल के लिए मौसम कहर बनकर बरसा है।
जिला कुल्लू में सेब की बंपर फ्लावरिंग को बुरी तरह से तहस नहस कर दिया है।
खासकर जिला के ऊंचाई वाले इलाकों में सेब की 50 से 80 फीसदी फसल का नुकसान हुआ है।
कोरोना काल में सेब की अच्छी पैदावार की उम्मीदों पर बर्फबारी व कड़ाके की ठंड ने पानी फेर दिया है।
राजधानी शिमला के संजौली में एक पुराना बहुमंजिला भवन ढह गया। हालांकि भवन को पहले ही खाली करा लिया गया था जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ है।
शिमला के नारकंडा और खड़ापत्थर में बर्फबारी हुई है। कुफरी में भी बर्फ के फाहे गिरे हैं।
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