report by- ravishankar
बिहार विधानसभा चुनाव मे 7को अंतिम चरण के चुनाव होने है 10को इसके नतिजे भी आऐंगे लेकीन सबसे बडी घबराहट अंतिम चरण के चुनाव मे दिखी जहां एनडीए गठबंधन के दर्जनों मंञीयो के भाग्य का फैसला मतदाताओ द्वारा किया जाऐगा
78 सीटों पर शनिवार को होने वाले चुनाव में 1208 उम्मीदवार मैदान में हैं. यह चरण नीतीश कुमार के लिए सबसे खास और अहम माना जा रहा है, क्योंकि उनकी कैबिनेट के सबसे ज्यादा मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, विपक्ष के कद्दावर नेता अब्दुलवारी सिद्दिकी और रमई राम जैसे दलित नेताओं की किस्मत का फैसला इसी चरण में होना है.
बता दें कि सरकार के 31 मंत्रियों में 26 विधानसभा के सदस्य हैं, जिनमें से 24 मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और सूचना मंत्री नीरज कुमार विधान परिषद के सदस्य हैं जबकि मंत्री अशोक चौधरी के एमएलसी का कार्यकाल पूरा हो चुका है. बिहार चुनाव के पहले चरण में आठ और दूसरे चरण में चार मंत्री चुनाव मैदान में थे, जहां वोटिंग हो चुकी है. वहीं, तीसरे चरण में एक दर्जन मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें 8 जेडीयू और चार बीजेपी कोटे के मंत्री हैं.
नीतीश सरकार के मंत्री मैदान में
जेडीयू कोटे के मंत्री जो तीसरे चरण में हैं, उनमें सुपौल से बिजेंद्र प्रसाद यादव, मधेपुरा के आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव, सिंघेश्वर (सु.) से रमेश ऋषिदेव, सिकटा से खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, लौकहा से लक्ष्मेश्वर राय, रूपौली से बीमा भारती, दरभंगा जिले के बहादुरपुर से मदन सहनी और कल्याणपुर (सु.) सीट से महेश्वर हजारी चुनाव लड़ रहे हैं.
वहीं, बीजेपी कोटे के मंत्रियों में मोतिहारी से प्रमोद कुमार, मुजफ्फरपुर से सुरेश शर्मा, मधुबनी जिले के बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा और बनमनखी सीट से कृष्ण कुमार ऋषि शामिल हैं. दिवंगत मंत्री विनोद सिंह की पत्नी निशा सिंह कटिहार के प्राणपुर में बीजेपी के टिकट पर हैं जबकि कपिलदेव कामत की बहू मीना कामत मधुबनी जिले के बाबूबरही से जेडीयू की प्रत्याशी हैं.
स्पीकर की साख दांव पर
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के भाग्य का फैसला भी मतदाता इसी चरण में करेंगे. वे समस्तीपुर जिले के सरायरंजन सीट पर जेडीयू के टिकट पर मैदान में हैं. विजय चौधरी के खिलाफ महागठबंधन की ओर से के अरविंद कुमार सहनी ताल ठोक रहे हैं. वहीं, आरजेडी के कद्दावर नेता और मुस्लिम चेहरा अब्दुलवारी सिद्दिकी केवटी सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं, जिनका मुकाबला बीजेपी ने मुरारी मोहन झा से है.
दलित नेता रमई राम की अग्निपरीक्षा इसी चरण में होनी है. वो बोचहां सीट से आरजेडी के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं, जिनके खिलाफ एनडीए की ओर से वीआईपी प्रत्याशी मुसाफिर पासवान मैदान में हैं. वहीं, सहरसा सीट से लवली आनंद, पातेपुर से शिवचन्द्र राम, हायाघाट से भोला यादव, कदवा से शकील अहमद खान, वाल्मीकि नगर से राजेश सिंह चुनावी ताल ठोक रहे हैं. इसके अलावा मधेपुरा सीट पर भी सभी की निगाहें है, जहां जेडीयू से निखिल मंडल के खिलाफ जाप के पप्पू यादव और आरजेडी से चंद्रशेखर चुनौती दे रहे हैं.
इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
रानीगंज सुरक्षित सीट से आरजेडी प्रत्याशी अविनाश ऋषिदेव नियोजित शिक्षक थे, इस्तीफा देकर मैदान में हैं. बीडीओ की नौकरी से इस्तीफा देखर महिषी से गौतम कृष्णा आरजडे के टिकट पर खड़े हैं, जिनके खिलाफ जेडीयू के गुंजेश्वर साह हैं. ऐसे ही परिहार से आरजेडी की उम्मीदवार रीतु जयसवाल मुखिया हैं और विधानसभा में जाने के लिए बीजेपी की गायत्री देवी के विरुद्ध मैदान में हैं.
पूर्व मंत्री इलियास हुसैन की पुत्री आसमां परवीन जेडीयू के टिकट से महुआ से खड़ी हैं, जिनका मुकाबला इनकी आरजेडी के मुकेश रौशन से है. वहीं, जाले से कांग्रेस उम्मीदवार मंसूर अहमद हैं, जो एएमयू छात्र संघ अध्यक्ष रहे थे, जिनका मुकाबला बीजेपी से विधायक जीवेश कुमार से है. जीवेश यहां से लगातार दो बार से विधायक हैं. इसके अलावा शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव की परीक्षा बिहारीगंज सीट पर है, जिन्हें इसी चरण में चुनावी परीक्षा से होकर गुजरना है.