केन्द्र सरकार की निजीकरण की नितीयों ने 2 नवंबर से लखनऊ एअरपोर्ट का मालिक अगले 50सालो के लिए अडानी को बना दिया है, लखनऊ का अमौसी एयरपोर्ट यानी चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट की कमान 2 नवंबर से निजी हाथों में चली जाएगी , 2 नवंबर से अडानी समूह के अधिकारी एयरपोर्ट के संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगे. एयरपोर्ट के प्रबंधन से लेकर वित्तीय मामलों तक, अडानी समूह के अधिकारी ही फैसले लेंगे.
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट की जिम्मेदारी अगले 50 साल तक अडानी समूह संभालेगा. करार के मुताबिक शुरुआती तीन साल तक अडानी समूह के अधिकारी एयरपोर्ट प्रशासन के साथ काम करेंगे. सुरक्षा व्यवस्था की कमान पहले की ही तरह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल CISF के जवान संभालते रहेंगे.
फायर फाइटिंग सिस्टम और इंजीनियरिंग सेवाएं भी अडानू समूह के अधिकारी संभालेंगे. बताया जाता है कि इस एयरपोर्ट पर किसी भी सुविधा का शुल्क अभी नहीं बढ़ाया जाना है. एयरपोर्ट पर सुविधाओं के विस्तार की योजना है. जानकारी के मुताबिक लखनऊ एयरपोर्ट पर दिल्ली की तर्ज पर मुफ्त पिक और ड्रॉप सेवा भी उपलब्ध कराई जा सकती है.
एयरपोर्ट पर एक नए टर्मिनल टी-3 के निर्माण के साथ ही रनवे का भी विस्तार किया जाना है. लखनऊ एयरपोर्ट का प्रबंधन अडानी समूह के हाथों में सौंपने से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. गौरतलब है की मोदी सरकार की निजीकरण के फैसले एअरपोर्ट, कम्पनियों, ट्रेन, रेलवे स्टेशन के भी है जिसका पुरजोर विरोध विपक्ष और देश के लोगो द्वारा किया जा रहा है!