वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में दी जानकारी
आठ कंपनियों में रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया पूरी
केंद्र सरकार स्कूटर्स इंडिया समेत छह सरकारी कंपनियों को बंद करने पर विचार कर रही है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, 20 केंद्रीय कंपनियों और इनकी यूनिट में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में हैं, जबकि छह कंपनियों को बंद करने पर विचार किया जा रहा है।
सरकार जिन कंपनियों को बंद करने पर विचार कर रही है, उनमें स्कूटर्स इंडिया, हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन लिमिटेड, भारत पंप्स एंड कंप्रेसर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्युटिकल लिमिटेड शामिल है।
ठाकुर ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि विनिवेश को लेकर नीति आयोग के मापदंड के आधार पर सरकार ने 2016 से 34 कंपनियों में रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी है। इनमें से आठ में विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब और छह को बंद करने पर विचार किया जा रहा है, जबकि 20 में विनिवेश की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है।
इन कंपनियों में विनिवेश की प्रक्रिया जारी
प्रोजेक्ट एंड डेवलपमेंट इंडिया लिमिटेड, इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट (इंडिया) लिमिटेड, ब्रिज एंड रूफ को इंडिया लिमिटेड, यूनिट्स ऑफ सीमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड, नागरनार स्टील प्लांट ऑफ एनडीएमसी में विनिवेश की प्रक्रिया जारी है।
इसके अलावा एलॉय स्टील प्लांट दुर्गापुर, सलेम स्टील प्लांट, सेल की भद्रावती यूनिट, पवन हंस, एयर इंडिया और इसकी पांच सहायक कंपनियों और एक संयुक्त उपक्रम में भी रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया जारी है।
वहीं, एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड, इंडियन मेडिसिन एंड फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की विभिन्न यूनिट, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स, बंगाल केमिकल एंड फार्मास्युटिकल्स, भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (नुमालीगढ़ रिफाइनरी को छोड़कर), शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया, नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड में भी रणनीतिक विनिवेश होगा।
इन कंपनियों की बिक्री हुई पूरी
ठाकुर के मुताबिक, एचपीसीएल, आरईसी, हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी, नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन, ड्रेडगिंग कार्पोरेशन, टीएचडीएस इंडिया लिमिटेड, नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और कामराजर बंदरगाह की रणनीतिक बिक्री पूरी हो चुकी है।