सरकार का बड़ा फैसला, प्राथमिक स्कूलों में सिर्फ ‘बिहारी’ बनेंगे शिक्षक
पटना. मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी में स्थानीय लोगों को आरक्षण के बाद अब बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने फैसला करते हुए शिक्षक भर्ती में स्थानीय लोगों को आरक्षण दिया है. नई नियमावली के अनुसार, राज्य के करीब 72 हजार सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षक पद पर सिर्फ बिहार के निवासी ही नियुक्त हो पाएंगे. अब इन प्राइमरी स्कूलों में दूसरे राज्यों के शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए नियुक्ति का रास्ता बंद हो गया है.
बिहार के शिक्षा विभाग ने प्रावधान को लागू कर दिया है. शनिवार को विभाग की ओर से जारी बिहार राज्य नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा तथा बिहार राज्य पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2020 में साफ कर दिया है कि बिहार के निवासी ही इन दोनों नियोजन नियमावलियों के तहत नियुक्ति में आवेदन कर सकते हैं.
मालूम हो कि जारी नई नियमवली में शिक्षा विभाग ने बिहार नगर प्राम्भिक और पंचायत प्राम्भिक शिक्षकों की नियुक्ति में काफी बदलाव किए हैं. राज्य सरकार ने तय किया है कि हर पंचायत में एक माध्यमिक विद्यालय होगा जिसमें शिक्षकों के पद पर नियुक्ति की जाएगी.
शिक्षकों के भर्ती को लेकर राज्य सरकार ने कई परिवर्तन किए हैं. पुराने नियम के तहत बिहार राज्य नगर प्रारंभिक शिक्षकों तथा पंचायत शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना जरुरी है लेकिन नए नियमों के अनुसार इसपर पहले की तरह मिलने वाला वेटेज खत्म कर दिया गया है. पहले टीईटी में मिले अंक के मुताबिक मेरिट लिस्ट बनाने में अभ्यर्थियों के लिए कुछ अंक निर्धारित रहते थे.
बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने सूबे की सरकारी नौकरियों में सिर्फ प्रदेश के लोगों को नियुक्त करने की घोषणा की थी. हालांकि, कोर्ट ने उनके फैसले पर रोक लगा दी थी.