प्रशांत भूषण पर कोर्ट की अवमानना केस को लेकर बोले कुमार विश्वास – जानता हूं, वह माफी नहीं मांगेंगे
सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ कोर्ट की अवमानना केस में हुई सुनवाई में उन्हें दोषी ठहराने के बाद उनसे बिना शर्त माफी मांगने को कहा गया है. उन्हें 24 अगस्त तक अपने बयान पर पुनर्विचार कर माफी मांगने को कहा गया है.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट में वकील (Prashant Bhushan Case in SC) में हुई सुनवाई में उन्हें दोषी ठहराने के बाद उनसे
माफी
मांगने को कहा गया है. उन्हें 24 अगस्त तक अपने बयान पर पुनर्विचार कर माफी मांगने को कहा गया है. अगर उन्होंने ऐसा नही किया तो इसके बाद कोर्ट उन्हें सजा सुनाएगी. लेकिन प्रशांत भूषण ने कोर्ट में यह जाहिर कर दिया कि उनके इरादे माफी मांगने के नहीं हैं. इसपर कुमार विश्वास (Kumar Vishvas) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. कुमार विश्वास ने गुरुवार को अपने एक ट्वीट में कहा कि वो प्रशांत भूषण को जितना जानते हैं वो माफी नहीं मांगेंगे.
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘कश्मीर सहित अनेक मुद्दों पर मेरे उनसे गंभीर मतभेद रहे हैं ! मैंने कई बार उनके सामने ही उनके पक्ष के विपरीत मत रखा और उन्होंने असहमत होते हुए भी हरबार सुना ! साथ काम करने से लेकर आज तक जितना
प्रशांत भूषण
मैं को जानता हूँ,वो माफ़ी नहीं मांगेंगे! उन्हें पता है ‘नंद,मगध नहीं है
बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण मामले में सजा पर बहस के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. उन्हें एक हफ्ते पहले ही उनके दो ट्वीट्स के आधार पर कोर्ट की अवमानना के आरोप में दोषी ठहराया गया था. गुरुवार को सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने कहा कि 24 अगस्त तक प्रशांत भूषण चाहें तो बिना शर्त माफीनामा दाखिल कर सकते हैं, उनके माफीनामे पर 25 अगस्त को इस पर विचार किया जाएगा, लेकिन अगर वो माफीनामा दाखिल नहीं करते हैं तो फिर कोर्ट उनकी सजा पर लिया गया फैसला सुनाएगी.
प्रशांत भूषण ने कोर्ट में दाखिल किए गए अपने बयान में कहा, ‘मेरे ट्वीट एक नागरिक के रूप में मेरे कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए थे. ये अवमानना के दायरे से बाहर हैं. अगर मैं इतिहास के इस मोड़ पर नहीं बोलता तो मैं अपने कर्तव्य में असफल होता. मैं किसी भी सजा को भोगने के लिए तैयार हूं जो अदालत देगी. माफी मांगना मेरी ओर से अवमानना के समान होगा. मेरे ट्वीट सद्भावनापूर्ण विश्वास के साथ थे. मैं कोई दया नहीं मांग रहा. ना उदारता दिखाने को कह रहा हूं, जो भी सजा मिलेगी वो सहज स्वीकार होगी.’