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अयोध्या में मिली जमीन पर ‘बाबरी अस्पताल’ बनवाने जा रहा वक्फ बोर्ड?

नवंबर, 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किया था और साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन दी जाए.

 

अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है. इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में मस्जिद के लिए जो पांच एकड़ जमीन दी थी, सुन्नी वक्फ बोर्ड उस जमीन पर एम्स की तरह का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने जा रहा है. वायरल पोस्ट में ये भी दावा किया जा रहा है कि जेल में बंद डॉ कफील खान इस अस्पताल के डायरेक्टर होंगे.

 

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पोस्ट में हिंदी में लिखा गया है, ‘मास्टरस्ट्रोक. सुप्रीम कोर्ट ने जो पांच एकड़ जमीन दी थी, सुन्नी वक्फ़ बोर्ड ने लिया फैसला उस पर बनेगा बाबरी हॉस्पिटल जो AIIMS के बराबर मुफ्त सुविधा देगा.जाने-माने डॉक्टर कफील खान को इस अस्पताल का प्रशासक बनाया जा सकता है, इस अस्पताल में एक पूरा फ्लोर बच्चों के लिए आरक्षित होगा, जिसमें चमकी बुखार  सहित कई बीमारियों का इलाज होगा’. इंडिया टुड के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ये दावा भ्रामक है. उत्तर प्रदेश के सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ‘बाबरी अस्पताल’ और ‘कफील खान’ के बारे में वायरल इस दावे को पूरी तरह निराधार और झूठ बताया है. बोर्ड के मुताबिक, अभी तक इस 5 एकड़ भूमि पर किसी निर्माण के बारे में कुछ भी तय नहीं किया गया है.

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कई यूजर्स ने फेसबुक पर इस पोस्ट को ये मानते हुए शेयर किया है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या में मुस्लिम पक्ष को मिली 5 एकड़ जमीन पर अस्पताल बनवाने जा रहा है.

नवंबर, 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला  देते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किया था और साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन दी जाए.

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मिडीया में ऐसी कई खबरें आई हैं जिनमें दावा किया गया है कि मस्जिद के निर्माण के लिए वक्फ बोर्ड ने जो ट्रस्ट बनाया है, वह 5 एकड़ जमीन पर एक अस्पताल, पुस्तकालय और एक इस्लामिक रिसर्च सेंटर भी बनवाएगा.

इंडिया टुडे ने ‘यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड’ के चीफ एक्जीक्यूटिव अधिकारी सैयद मोहम्मद शोएब से बात की. उन्होंने कहा कि वायरल पोस्ट में ‘बाबरी अस्पताल’ और ‘कफील खान’ के बारे में जो दावा किया जा रहा है, वह पूरी तरह निराधार और ‘फर्जी’ है. उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने ऐसी फर्जी पोस्ट लिखी और वायरल की है, हम उनके खिलाफ काननूी कार्रवाई करने जा रहे हैं.’

सुन्नी वक्फ बोर्ड के सीईओ सैयद मोहम्मद शोएब के मुताबिक, बोर्ड ने निर्माण के बारे में अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया है. उन्होंने कहा, ‘अस्पताल, लाइब्रेरी, रिसर्च सेंटर वगैरह के बारे में लोग जो बातें कर रहे हैं, वे सभी सिर्फ प्रस्ताव हैं, अंतिम फैसला लेना अभी बाकी है.’

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हाल ही में यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने एक 15 सदस्यीय ट्रस्ट बनाया है, जिसे इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का नाम दिया गया है.

ट्रस्ट के सदस्य इन प्रस्तावों पर चर्चा करने के लिए जल्द ही बैठक करेंगे और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई 5 एकड़ जमीन पर निर्माण के बारे में अंतिम फैसला करेंगे.

रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमने पाया कि वायरल पोस्ट में इस्तेमाल अस्पताल की तस्वीर, जिस पर ‘बाबरी हॉस्पिटल’ लिखा है, उसे Linkedin पेज से उठाया गया है और फोटोशॉप की मदद से उसमें छेड़छाड़ की गई है.

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पड़ताल से स्पष्ट है कि अयोध्या में मुस्लिम पक्ष को मिली 5 एकड़ जमीन पर ‘बाबरी अस्पताल’ बनवाने का दावा भ्रामक है.

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