News Times 7
टॉप न्यूज़बड़ी-खबरब्रे़किंग न्यूज़राजनीति

मुसलमानों को लेकर चीन ने दिखाई सख्ती, 35 लाख उइगर मुसलमानों पर चीन ढा रहा कहर, कुरान पढ़ने से लेकर दाढ़ी तक पर सख्ती, आतंकी बता कर देते हैं नजरबंद

नई दिल्ली. चीन के शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (XUAR) में उइगर मुस्लिम किसी भी धार्मिक परंपरा का पालन नहीं कर सकते हैं. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) द्वारा निर्देशित, उइगर आबादी के बच्चे धार्मिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते हैं या धार्मिक प्रथाओं का पालन नहीं कर सकते हैं. शिनजियांग प्रांत के लगभग 35 लाख उइगर मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों को जेल शिविरों में नजरबंद कर दिया गया है. जिसे CCP पुन: शिक्षा केंद्र कहती है.

उइगर मूल निवासियों की आबादी घटकर आधी हो गई है जबकि मुख्य भूमि चीन से हान चीनी आबादी अब लगभग उनके बराबर है और प्रांत के प्रशासन और आय पर हावी है. XUAR भौगोलिक रूप से चीन का सबसे बड़ा प्रांत है. चीनी अत्याचार को साल 2022 में ‘अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर रिपोर्ट’ में विस्तार से वर्णित किया गया है. जिसे इस सप्ताह अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी किया गया था. प्रांत में सीसीपी की क्रूरताओं के बारे में पहले की खोजी रिपोर्टों को यह आगे बढ़ाता है जिसे चीन के बाहर कई लोग नरसंहार कहते हैं

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी अनुमानों के अनुसार इन पुन: शिक्षा केंद्रों, जिन्हें कई विश्लेषकों द्वारा एकाग्रता शिविर या गुलाग के रूप में वर्णित किया गया है, में पिछले छह वर्षों में दस लाख से अधिक उइगर मुस्लिमों और प्रांत के अन्य अल्पसंख्यकों को नज़रबंद किया गया है. ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (ASPI) ने सितंबर 2020 में अपनी जांच रिपोर्ट में ऐसे कैंपों की संख्या 380 बताई थी.
CCP प्रांत के उइगरों को या तो आतंकवादी या आतंक के हमदर्द के रूप में देखता है और उन्हें इन शिविरों में नजरबंद कर देता है जो देश के आतंकवाद विरोधी संचालन तंत्र के तहत स्थापित किए गए हैं. इन शिविरों में प्रवेश का मतलब है कि आप चीन के राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी और क्षेत्रीय उग्रवाद विरोधी कानूनों के तहत स्थापित जेल में हैं.
इन चीनी गुलागों ने 35 लाख उइगर मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक नागरिकों को आतंकवादी या संदिग्ध आतंकवादी माना है. उइगरों को गिरफ्तार किया जाता है और इन शिविरों में रखा जाता है. जिसे CCP व्यावसायिक कौशल शिक्षा प्रशिक्षण केंद्र कहता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य ‘चरमपंथी-विरोधी वैचारिक शिक्षा’ है. इसे यातना देने, इस्लाम से धार्मिक अलगाव को बढ़ावा देने और हान चीनी संस्कृति और सीसीपी की विचारधारा के प्रति राजनीतिक शिक्षा देने के बराबर माना जा सकता है.
Advertisement
Advertisement

Related posts

किसानों आंदोलन को ले कर के पीएम मोदी ने की 2 घंटे बैठक

Admin

वाराणसी में बनेगा 18 मंजिला दो इमारतों की छत के बीच स्काई वॉक,80 मीटर की ऊंचाई से बाबा विश्वनाथ की पूरी काशी दिखेगी

News Times 7

पटना-जदयू छोड़ने की खबर पर बोले श्याम रजक-कल बतायेंगे

News Times 7

Leave a Comment

टॉप न्यूज़
ब्रेकिंग न्यूज़