उन्होंने कहा, ‘यदि सिफारिश को लागू किया जाता है और आईपीसी में संशोधन किया जाता है, तो 15 से 18 वर्ष के बीच की पत्नी के साथ गैर-सहमति से यौन संबंध बलात्कार की श्रेणी में आएगा और आईपीसी के तहत दंडनीय होगा.’
पोक्सो की विसंगति दूर करना है मकसद
सूत्रों ने कहा, ‘यह यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पोक्सो) के बीच की विसंगति को भी दूर करेगा, जो 18 वर्ष तक के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अपराधों और आईपीसी के प्रचलित प्रावधानों पर लागू होता है.’ गृह मंत्रालय के एक पत्र के जवाब में दिल्ली पुलिस और कानून विभाग द्वारा इस आशय का प्रस्ताव पेश किया गया था
गृह मंत्रालय ने मांगी थी सरकार से राय
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट में उस रिट याचिका के मद्देनजर इस विषय पर शहर सरकार की राय मांगी थी, जिसमें आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 की वैधता को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन करता है और पोक्सो अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप भी नहीं है.