भारत में लगभग सभी समुदायों के अलग अलग राज्यों में आयोग का गठन किया गया लेकिन मध्यप्रदेश और गुजरात अलावा बहुत सारे राज्य है जहाँ सवर्ण आयोग का गठन नहीं हुआ है, इसी क्रम में सामान्य वर्ग संयुक्त मंच हिमाचल प्रदेश में यदि सरकार ने जल्द सवर्ण आयोग का गठन नहीं किया तो फिर आने वाले समय में सरकार के खिलाफ स्वर्ण समाज आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा.
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यह बात सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के प्रदेश अध्यक्ष के एस जम्वाल ने मंडी में मंगलवार को आयोजित धरना-प्रदर्शन के बाद कही. इससे पूर्व मंच के बैनर तले पड्डल से शहर के ऐतिहासिक सेरी मंच तक एक रैली भी निकाली गई. इसके बाद डीसी मंडी के माध्यम से मंच ने हिमाचल प्रदेश सरकार को स्वर्ण आयोग के गठन और सामान्य वर्ग को पेश आ रही समस्याओं से संबंधित एक मांग पत्र मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजा.
सरकार को भेजे गए मांग पत्र में मंच ने मांग उठाई है कि हिमाचल में मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार की तर्ज पर सवर्ण आयोग का शीघ्र गठन किया जाए, आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जाए, सामान्य वर्ग के 7 प्रतिशत बीपीएल के कोटे को एससी एसटी की तर्ज पर यथावत बहाल किया जाए, एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट को समाप्त किया जाए और इस पर अंधाधुंध धन आवंटन पर रोक लगाई जाए. इसके साथ ही अनुसूचित जाति के साथ अंतरजातीय विवाह पर ढाई लाख रुपए की भारी-भरकम सहायता राशि को बंद किया जाए और बाहरी राज्यों के लोगों को सामान्य वर्ग के कोटे में सरकारी नौकरियों में सेंध लगाने से रोकने के लिए एससी एसटी की तर्ज पर हिमाचली बोनाफाइड होने की शर्त लगाई जाए.
क्या बोले पदाधिकारी
मौके पर सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के प्रदेश अध्यक्ष के एस जम्वाल के कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया स्वर्णों के साथ किया वादा भूल रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के साथ मंच ने कई बार वार्तालाप किया है लेकिन प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग के गठन को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रही है. इसके साथ ही इन्होंने प्रदेश में होने वाले चुनावों का बहिष्कार करने का मन भी बना लिया है. मौके पर मंच ने विधायक विक्रमादित्य के द्वारा सदन में स्वर्ण आयोग के मुद्दे को उठाने के लिए विधायक का आभार भी जताया
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