सरकार ने 4 सरकारी बैंकों में 14,500 करोड़ रुपए की रकम डाली है। इस वजह से इन बैंकों के शेयर गुरुवार को 3% से 8% तक बढ़ गए। इन बैंकों में बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया हैं। इसमें से बैंक ऑफ इंडिया को छोड़कर बाकी तीनों बैंक रिजर्व बैंक के PCA में हैं।
सेंट्रल बैंक को सबसे ज्यादा मिला
इसमें से सेंट्रल बैंक को 4,800 करोड़ रुपए इंडियन ओवरसीज बैंक को 4,100 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ इंडिया को 3 हजार करोड़ रुपए और यूको बैंक को 2,600 करोड़ रुपए मिले हैं। बैंकों ने यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी गई सूचना में दी है। दरअसल जब बैंक रिजर्व बैंक के कुछ नियमों जैसे NPA, फायदा और अन्य नियमों में फिट नहीं बैठते हैं तो उन्हें प्रांप्टिव करेक्टिव एक्शन (PCA) में डाल दिया जाता है।
पीसीए में जाने से कई प्रतिबंध लग जाता है बैंकों पर
PCA में डालने का मतलब बैंक नई शाखाएं नहीं खोल सकते हैं। नए कर्ज भी नहीं दे सकते हैं। इस वजह से उनका बिजनेस प्रभावित होता है। साथ ही कई और तरह के प्रतिबंध लगे रहते हैं। सरकार से पैसा मिलने के बाद चालू वित्त वर्ष में तीनों बैंक इस नियम से बाहर आ सकते हैं। इसके बाद ये अच्छे से काम कर सकते हैं। मार्च में ही IDBI बैंक भी PCA के नियम से बाहर आया है। IDBI बैंक करीब चार साल बाद रिजर्व बैंक के PCA ढांचे से बाहर आया है। मई, 2017 को PCA के तहत इसे डाला गया था।
बिना ब्याज के बैंकों में सरकार ने डाला पैसा
सरकार ने चारों बैंकों में यह पैसा बिना किसी ब्याज के डाला है। यानी इस पर सरकार कोई पैसा नहीं लेगी। यह पैसा पिछले वित्त वर्ष यानी 2020-21 के तहत डाला गया है। हालांकि पिछले साल बजट में सरकार ने कोई भी पैसा सरकारी बैंकों में डालने के लिए नहीं कहा था। पर कोरोना के बीच बैंकों की खराब हालत में सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपए डालने का फैसला किया था। इन 4 बैंकों और पंजाब एंड सिंध में 5,500 करोड़ रुपए डालने के साथ ही सरकार ने इसे पूरा कर लिया है।
पंजाब एंड सिंध में 5,500 करोड़ रुपए डाला
पिछले साल नवंबर में सरकार ने पंजाब और सिंध बैंक में 5,500 करोड़ रुपए डाले थे। वैसे रिजर्व बैंक ने इस तरह से पैसे डालने की सरकार की योजना पर चिंता जताई थी। सरकार की सूचना में कहा गया है कि इन स्पेशल सिक्यूरिटीज पर कोई ब्याज देय नहीं होगा। यह पहले के सरकार के रुख से अलग है। पहले सरकार ने ब्याज वाले बॉन्ड सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए जारी किए थे। पुनर्पूंजीकरण यानी रिकैपिटलाइजेशन बांड्स पर ब्याज का बोझ कम करने के लिए सरकार ने पिछले साल पंजाब एंड सिंध बैंक में 5,500 करोड़ रुपए डालने के लिए जीरो कूपन बॉन्ड जारी करने का फैसला किया था।
इस चालू वित्त वर्ष में भी सरकार बैंकों में 20 हजार करोड़ रुपए डालेगी। फरवरी में बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की थी। इसके तहत कमजोर बैंकों में यह पैसे डाले जाएंगे।