एमेजॉन प्राइम वीडियो की बहुचर्चित हिंदी सीरीज ‘मिर्जापुर’ का दूसरा पार्ट बीते वर्ष रिलीज हुआ था. सीरीज के रिलीज होने के बाद इसे लेकर काफी हंगामा हुआ. वेब सीरीज मिर्जापुर के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीरीज के डायरेक्टर, ओटीटी प्लेटफॉर्म और केंद्र सरकार के खिलाफ नोटिस जारी किया है.
Supreme Court issues notice to makers and producers of web series ‘Mirzapur’ and Amazon Prime Video, on a petition complaining about the portrayal of Mirzapur district, UP in a bad light in the web series. SC seeks response from the OTT platform and series makers pic.twitter.com/NW074JKI9b
— ANI (@ANI) January 21, 2021
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हाल ही में यूपी के मिर्जापुर में वेब सीरीज मिर्जापुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. मिर्जापुर पर भी तांडव की तरह ही धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है. कहा जा रहा है कि इस सीरीज में धर्म विरोधी कंटेंट दर्शकों को परोसा गया है. इस केस के तर्ज पर बुधवार को मिर्जापुर पुलिस की एक टीम मुंबई के लिए रवाना हो गई है और जल्द ही सीरीज से जुड़े लोगों से पूछताछ की जाएगी.
जानकारी के अनुसार, देहात कोतवाली थाने की तीन सदस्यीय टीम मुंबई रवाना हुई है. देहात कोतवाली में पत्रकार अरविंद चतुर्वेदी की शिकायत पर मिर्ज़ापुर वेब सीरीज को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था.
इससे पहले जब यह सीरीज रिलीज हुई थी तब उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की सासंद अनुप्रिया पटेल ने इस पर सेंसरशिप लगाने की मांग की थी. उनका कहना था कि सीरीज के जरिए मिर्जापुर की छवि खराब हो रही है. मेकर्स ने शहर की छवि गलत दिखाई है. अनुप्रिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करते हुए मिर्जापुर सीरीज पर बैन लगाने की मांग की थी.
अनुप्रिया पटेल ने अपने ट्वीट में लिखा था- “माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में मिर्ज़ापुर विकासरत है. यह समरसता का केंद्र है. मिर्ज़ापुर नामक वेब सीरीज के जरिए इसे हिंसक इलाका बताकर बदनाम किया जा रहा है. इस सीरीज के माध्यम से जातीय वैमनस्य भी फैलाया जा रहा है. मिर्ज़ापुर जिले की सांसद होने के नाते मेरी मांग है कि इसकी जांच होनी चाहिए और इसके विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए.”