जिन दलों को ममता ने चिट्ठी लिखी है, उनमें कांग्रेस (सोनिया गांधी), NCP (शरद पवार), DMK (एमके स्टालिन), RJD (तेजस्वी यादव), शिवसेना (उद्धव ठाकरे), आम आदमी पार्टी (अरविंद केजरीवाल), BJD (नवीन पटनायक) और YSR कांग्रेस (जगन रेड्डी) शामिल हैं।
ममता ने चिट्ठी में लिखा है कि मैं ये चिट्ठी उन सभी पार्टियों को लिख रही हूं, जो BJP के खिलाफ हैं। मैं इस बात को लेकर चिंतित हूं कि BJP की केंद्र सरकार लोकतंत्र खत्म करने की कोशिश कर रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण दिल्ली सरकार के खिलाफ पास NCT बिल है। जो दोनों सदनों से पास हो गया। केंद्र सरकार ने एक चुनी हुई सरकार की ताकत छीनकर उपराज्यपाल को दे दी है।
ममता ने चिट्ठी में लिखा है कि आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने दो बार दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराया है। जब BJP लोकतांत्रिक तरीके से नहीं जीत सकी तो उसने उपराज्यपाल के जरिए शासन करने का तरीका ढूंढ निकाला।
शाह और BSF के DG का इस्तीफा मांगा
ममता बनर्जी के भतीजे और TMC सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अमित शाह अपने भाषणों में हमेशा घुसपैठिया शब्द का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें बताना चाहिए कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। बॉर्डर की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी BSF की है और वह अमित शाह के मंत्रालय के तहत आती है। यदि इसके बाद भी घुसपैठ हो रही है तो शाह और BSF के DG को इस्तीफा दे देना चाहिए।
ममता की चिट्ठी के मुख्य बिंदु
- जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है, वहां राज्यपाल BJP के कार्यकर्ताओं की तरह काम करते हैं।
- उन राज्यों में नेताओं के खिलाफ ED, CBI और दूसरी जांच एजेंसियों को लगाया जाता है।
- गैर भाजपा शासित राज्यों को केंद्र सरकार पैसे देने में आनाकानी करती है।
- मोदी सरकार सभी सरकारी संपत्तियों को बेचना चाहती है। ये लोगों के साथ धोखा है।
इससे पहले मंगलवार को ममता बनर्जी ने गोत्र कार्ड खेला था। उन्होंने कहा था कि चुनाव प्रचार करते वक्त वह एक मंदिर गईं थीं। वहां पुजारी ने उनसे गोत्र पूछा। उन्होंने बताया कि मेरा गोत्र मां, माटी और मानुष है। इस घटना के बाद उन्हें त्रिपुरा के त्रिपुरेश्वरी मंदिर का वाकया याद आ गया। वहां भी पुजारी ने उनसे गोत्र पूछा था और उन्होंने यही जवाब दिया था। उन्होंने बताया कि मेरा असल गोत्र शांडिल्य है।
उधर, ममता के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार किया था। उन्होंने कहा था कि मैं गोत्र लिखता हूं, मुझे कभी बताने की जरूरत नहीं पड़ी। ममता बनर्जी चुनाव हारने के डर से गोत्र बता रही हैं। उन्होंने ममता से सवाल किया था कि आप मुझे बता दीजिए कि कहीं रोहिंग्या और घुसपैठियों का गोत्र भी शांडिल्य तो नहीं है।
नंदीग्राम में राष्ट्रगान के लिए खड़ी हुईं ममता
नंदीग्राम में प्रचार के आखिरी दिन ममता बनर्जी प्लास्टर बंधे पैर के साथ करीब 20 दिन बाद व्हीलचेयर से खड़ी हुईं। यहां के तेंगुआ में एक रैली के दौरान राष्ट्रगान की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान उनके सहयोगियों ने उन्हें खड़े होने का सुझाव दिया। पहले तो ममता ने खड़े होने में असहजता दिखाई, लेकिन बाद में कुछ लोगों के सपोर्ट से वह खड़ी हुईं और राष्ट्रगान गाया।Advertisement